उज्जैन। भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में होली का पर्व उत्साह और उमंग से मनाया जा रहा है। वहीं पहली बार बाबा महाकाल बिना भक्तों के होली खेली। मंदिर के पंडितों और पुजारियों ने भगवान महाकाल के मंदिर में होली की परंपरा निभाई। राजाधिराज के साथ टेसू के फूलों से बने रंग से होली खेली गई।
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सबसे पहले भगवान महाकाल की भस्म आरती की गई। फिर परंपरा के अनुसार पंचामृत से उनका पूजन किया गया। इसके बाद भगवान महाकाल को चंदन से स्नान कराया गया, फिर भगवान महाकाल को रंग गुलाल लगाकर होली का उत्सव मनाया गया।
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प्रदेशभर में रंगोत्सव का उमंग
रंगों का महापर्व होली पूरे प्रदेश में उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। कोरोना के चलते प्रशासन ने भले ही सख्ती दिखाई है। बावजूद लोग पूरे हर्षों उल्लास के साथ रंगोंत्सव मना रहे हैं।
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