मध्यप्रदेश में लड़कियां कितनी सुरक्षित है और पुलिस कितनी मुस्तैद ये तो आपने देख ही लिया, आईए अब आपको दिखाते हैं प्रदेश की उस स्याह हकीकत के आंकड़े को जिसे देखकर आप खुद कहेंगे. क्या सेफ है भारत का दिल.
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जब हमारी टीम कुछ लड़कियों से इस मुद्दे पर बात की तो उनकी आवाज़ केवल एक ही दर्द छुपा था वो है डर का. ये सिर्फ इन तीन लड़कियों की आवाज नहीं है. बल्कि इसमें भोपाल की हज़ारों लड़कियों का दर्द और गुस्सा शामिल है । राजधानी एक एजुकेशन हब के तौर पर जाना जाता है. यहां केवल प्रदेश की नहीं बल्कि देश भर से लड़कियां पढ़ने के लिए आती हैं ।
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भोपाल को चुनते वक्त इनकी ये सोच थी. कि ये एक सेफ शहर है. पर जिस तरह यहां 19 साल की एक लड़की गैंगरेप की शिकार बनी. उसके बाद ये शहर उन्हें डराने लगा है । इस झकझोरने वाली घटना ने तमाम पैरेंट्स भी नींद उड़ा दी है ।
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किसी गांव, कस्बे या जंगल में नहीं बल्कि राजधानी में गैंग रेप का होना प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े करता है । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ये दावा ज़रूर करते हैं कि महिला सुरक्षा के लिहाज से एमपी और राज्यों से बेहतर है .पर आंकड़े कुछ और ही कहते हैं ।
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नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ऑफ ब्यूरो की साल 2015 की रिपोर्ट कहती है कि देश में सबसे ज्यादा बलात्कार मध्यप्रदेश में हुए । साल 2015 में यहां रेप के 4391 मामले दर्ज किए गए. जबकि बहुत से मामले तो दर्ज भी नहीं हो पाते ।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में मध्यप्रदेश भले दूसरे राज्यों से नीचे हो पर रेप के मामले में आंकड़े डरावने वाले हैं और ट्रेक रिकॉर्ड बेहद खराब. ये है वो सच्चाई. जो दावों की धज्जी उड़ाती है और ये कहती है. मप्र में रहना है. तो डरकर रहो ।
नवीन कुमार सिंह, आईबीसी24, भोपाल
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