जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में अहम फैसला, विस्थापित परिवार को मिलेगा 10 लाख रुपए | Important decision in Tribal Advisory Council meeting, displaced family will get 10 lakh rupees

जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में अहम फैसला, विस्थापित परिवार को मिलेगा 10 लाख रुपए

जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में अहम फैसला, विस्थापित परिवार को मिलेगा 10 लाख रुपए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : September 7, 2020/2:59 pm IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में जाति प्रमाण-पत्र जारी करने तथा निरस्त करने की प्रक्रिया की समीक्षा की गई। बैठक में जनजातीय समुदाय के हित में भू-राजस्व की धाराओं में संशोधन करने के संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य सलाहकार परिषद की उप समिति गठित करने का निर्णय लिया गया। अचानकमार टाईगर रिजर्व में तीन ग्रामों तिलईडबरी, बिरारपानी, छिरहट्टा के विस्थापन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। प्रत्येक विस्थापित परिवार को 10 लाख रूपए अथवा दो हेक्टेयर भूमि एवं 5000 वर्गफीट की बाड़ी, साथ ही पेयजल सहित सड़क की सुविधाएं के अलावा परिवार की सहमति से उपयुक्त स्थान पर जमीन भी दी जाएगी। इसी प्रकार क्षेत्र के कुल 19 गांवों के विस्थापन के लिए सहमति प्रदान की गई। छत्तीसगढ़ राज्य जनजाति सलाहकार परिषद् की बैठक में अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन पर राज्यपाल को भेजे जाने वाले प्रतिवेदन का अनुमोदन किया गया।

Read More: भूपेश सरकार का बड़ा फैसला, शिक्षक भर्ती के संबंध में 7 दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का शिक्षा विभाग को दिए निर्देश

मुख्यमंत्री ने वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन की चर्चा में कहा कि वन क्षेत्रों में आरेंज क्षेत्रों का सर्वे कर राजस्व अभिलेखों को दुरूस्त कर लिया जाए। गांवों में राजस्व संबंधी दिक्कतों के निराकरण के लिए सभी अनुसूचित क्षेत्रों में बंदोबस्त त्रुटि सुधार के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। इसके तहत गांवों में शिविरों का आयोजन किया जाए। उन्होंने कहा कि वन अधिकार मान्यता पत्र में व्यक्तिगत पट्टे और सामुदायिक पट्टे भी दिए जा रहे हैं। मुुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए ग्राम स्तर पर जनप्रतिनिधि पात्र व्यक्तियों के आवेदन लेने के साथ इसे ग्राम सभा से पारित कर उन्हें वन भूमि का पट्टा देने की कार्रवाई की जाए। उन्होंने बताया कि विगत डेढ़ साल में सरकार द्वारा 40 हजार से अधिक व्यक्तिगत/सामुदायिक पट्टों का वितरण किया गया है। बस्तर से सरगुजा तक उन्होंने स्वयं बैठक लेकर इस प्रक्रिया के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने सलाहकार परिषद के सदस्यों को मसाहती ग्रामों के संबंध में अपने सुझाव विभागीय मंत्री और सचिव को भेजने कहा। बैठक में राजस्व, वन और आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विभाग के अधिकारियों की बैठक आयोजित कर इन मामलों के सबंध में निर्णय लिए जाए। सलाहकार परिषद की बैठक में सदस्यों द्वारा देश में पहली बार नगरीय क्षेत्रों में वन अधिकार पत्र प्रदान करने पर मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया गया।

Read More: दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन की खरीद और आपूर्ति का नेतृत्व करेगा UNICEF

बैठक में बताया गया कि जिला मुख्यालयों में स्थित छात्रावासों में स्वीकृत सीट से अधिक संख्या में आवेदन प्राप्त होते है। इच्छुक विद्यार्थियों को छात्रावास में प्रवेश के लिए शैक्षणिक सत्र 2020-21 से 21 नवीन छात्रावासों में 14 हजार 750 सीट की स्वीकृति दी गई है। विभाग द्वारा 161 आश्रम-छात्रावास भवन निर्माण की वित्तीय प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री बघेल ने परिषद् के सदस्यों से पुराने जर्जर छात्रावास एवं दर्ज संख्या के अनुसार अपर्याप्त क्षमता के भवनों के प्रस्ताव भी विभाग को भेजने कहा। जनजाति सलाहकार परिषद में विशेष पिछड़ी जनजाति के प्रतिनिधि को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल करने पर सहमति प्रदान की गई। पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृति दिए जाने के लिए आय सीमा बढ़ाने के संबंध में भारत सरकार को पत्र लिखा गया है। परिषद् के सदस्यों की मंशानुसार उन्हें अनुरोध पत्र भेजा जाएगा।

Read More: सोने-चांदी की कीमतों में बड़ा बदलाव, जानिए क्या है आज का ताजा भाव

मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समुदाय की बेहतरी के लिए पिछले डेढ़ साल में अनेक निर्णय लिए गए हैं। आदिवासी समुदाय के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार की दिशा में नवाचारी पहल की शुरूआत की गई है। वनांचल क्षेत्रों में एनीमिया और कुपोषण को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की गई। इसके बेहतर परिणाम मिले है। कोरोना संकट काल में भी कुपोषित बच्चों की संख्या में 13 प्रतिशत की कमी आयी। यह एक बड़ी उपलब्धि है। गांवों में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिीनिक योजना शुरू की गई इससे लोगों तक सीधे स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। बस्तर अंचल में मलेरिया मुक्ति के लिए भी अभियान चलाया गया है।

Read More: केजी सुरेश होंगे माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के नए कुलपति

उप समिति का गठन
भू-राजस्व संहिता के आदिवासियों भूमि के अंतरण के संबंध में नियमों को संशोधन करने के लिए उप समिति का गठन किया गया है। इसमें विधायक मोहन मरकाम, चिंतामणी महराज, इन्द्रशाह मण्डावी, लक्ष्मी ध्रुव, लालजीत राठिया और शिशुपाल सिंह सोरी शामिल होंगे। यह कमेटी भू-राजस्व की संहिता में आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को बेचने के संबंध में नियमों का परीक्षण कर इन नियमों को संशोधन किए जाने के प्रस्ताव के संबंध में अगली बैठक में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।

Read More: इलाज के दौरान 10 वर्षीय लड़की की मौत, डाक्टर पर इलाज में लापरवाही के आरोप, गुस्साए परिजनों ने फेंका क्लीनिक का सामान

बैठक में सदस्यों ने सुझाव दिया कि चिकित्सा महाविद्यालयों सहित उच्च शिक्षा के लिए व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित सीट की क्षतिपूर्ति अर्थाभाव के कारण बच्चे इन संस्थाओं में प्रवेश नहीं ले पाते। ऐसे बच्चों के उच्च शिक्षा के लिए उचित पहल की जाए। जिससे रिक्त सीटों की पूर्ति हो और जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में डीएमएफ फंड के नियमों का अध्ययन कर नियमानुसार कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।

Read More: प्रदेश में 12 IFS अफसरों का तबादला, राज्य शासन ने जारी किया आदेश …देखिए

बैठक में जनजाति सलाहकार परिषद के सदस्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, सांसद दीपक बैज, संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, इंदरशाह मंडावी, विधायक मोहन मरकाम, बोधराम कंवर, गुलाब कमरो, उपाध्यक्ष सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, विधायक देवती कर्मा, डॉ. लक्ष्मी ध्रुव, लखेश्वर बघेल, यूडी मिंज, चिंतामणि महाराज, विनय भगत सहित अन्य सदस्य अपने-अपने जिलों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्य सचिव आर.पी. मंडल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू और विभागीय सचिव डी.डी. सिंह उपस्थित थे।

 
Flowers