समुद्र से संचालित होता प्रकृति का तापमान, गंभीरता की नहीं कोई थाह | Nature's temperature operates from the sea No fathom of seriousness

समुद्र से संचालित होता प्रकृति का तापमान, गंभीरता की नहीं कोई थाह

समुद्र से संचालित होता प्रकृति का तापमान, गंभीरता की नहीं कोई थाह

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:59 PM IST, Published Date : June 9, 2020/9:17 am IST

नई दिल्ली । जल ही जीवन है, धरती को शुद्ध जल देने के लिए सागर तपता है, तब प्राणियों को अमृत सदृश्य जल मिलता है। सागर जितना गंभीर होता है उतना ही समृद्ध और संपन्न भी होता है। पृथ्वी पर ये भूजल के भंडार न होते, तो हम प्यासे ही मर जाते । पानी के तमाम स्रोतों से हमारी जिंदगी का सरोकार बहुत गहरा है। धरती के 70 प्रतिशत भूभाग पर फैली 97 प्रतिशत विशाल समुद्री जलराशि हमारे संपूर्ण जीवन का हिस्सा है।

सच यह है कि यदि समुद्र में इतनी विशाल जलराशि न होती, तो वैश्विक तापमान में वृद्धि की वर्तमान चुनौती अब तक हमारा गला सुखा चुकी होती। यदि महासागरों में जैव विविधता का विशाल भंडार न होता, तो पृथ्वी पर जीवन ही न होता। यदि समुद्र का पानी खारा न होता, तो गर्म प्रदेश और गर्म हो जाते और ठंडे प्रदेश और ज्यादा ठंडे। यदि समुद्र का पानी मीठा होता, तो मानसून बंगाल की खाड़ी से उठकर उत्तर भारत का रास्ता न पकड़ता।

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दरअसल, यह महासागर की विशाल जलराशि ही है, जो सूर्य से आने वाली ऊष्मा को अवशोषित कर लेती है। यह ऊष्मा समुद्र के पानी में तुलनात्मक अधिक गर्मी के रूप में मौजूद रहती है। इसका दूसरा भंडारण समुद्र के भीतर मौजूद द्वीपों के नीचे छिपे ज्वालामुखियों के रूप में होता है। ये ज्वालामुखी स्वच्छ भू-तापीय ऊर्जा के बड़े भंडार माने जाते हैं।

हमारे जीवन में महासागरों की बड़ी भूमिका है। हरे पत्तों द्वारा सूर्य की गर्मी को सोखकर अपना भोजन बनाने की ‘प्रकाश संश्लेषण’ की प्रक्रिया को हमने पढ़ा है। महासागर में मौजूद विविध जैविकी में कार्बन को अवशोषित करने की यह क्षमता ग़जब की होती है। इस क्षमता के कारण ही इन्हें पर्यावरण को संतुलित रखने की सबसे सक्षम प्राकृतिक प्रणाली माना जाता है। कार्बन को सोखकर यह हवा में कार्बन मोनो और डाइऑक्साइड जैसी गैसों का प्रतिशत को नियंत्रित करके रखते हैं। तमाम तरह के ईंधन जलाकर हम जीवन के लिए घातक ऐसी गैसों का प्रतिशत वायुमंडल में बढ़ाते हैं; समुद्र घटाते हैं। इतना बड़ा और महत्वपूर्ण प्रदूषण नियंत्रक इस दुनिया में कोई दूसरा नहीं है। यदि आज पृथ्वी पर जीवन है, तो इसमें समुद्र का बहुत बड़ी भूमिका है; इस बात को नकाराना असंभव है। समुद्र के महत्व और उनकी वजह से आने वाली चुनौतियों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष 8 जून को विश्व महासागर दिवस मनाया जाता है।

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समुद्र तट की सफाई और इससे जुड़े अन्य आयोजनों में भाग लेते हैं। इस खास दिवस पर समुद्री जीवन को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों जैसे अपतटीय तेल ड्रिलिंग और प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के लिए कई जगह मार्च भी निकाले जाते हैं। सुमद्र अधिकांश ऑक्सीजन, भोजन और हवा प्रदान करते हैं और हमारी जलवायु को स्थिर रखने में मदद करते हैं। इतना ही नहीं समुद्र व्हेल मछली और अन्य जीवों जैसे अद्भुत जानवरों और पारिस्थितिक तंत्र के लिए घर भी हैं, जो पृथ्वी को रहने लायक शानदार जगह बनाते हैं। लेकिन मानवीय घटनाओं के वजह से समुद्री वातावरण को खतरों का सामना करना पड़ रहा है।

समुद्र हमें देता ही देता है, जरुरत है कि हम इसे कचराघर ना बनाएं, यदि ये रुठा तो इसमें संपूर्ण पृथ्वी को जुबो देना की क्षमता है। तो आइये धरती के इस वरदारन को सहेजे और संभालें।