राष्ट्रपति मेडल का नहीं मिला कोई मोल, 1971 की लड़ाई में शामिल हुए सैनिक की स्थिति हुई बद से बदतर | President Medal did not get any value The situation of the soldiers who joined the 1971 war became worse than bad

राष्ट्रपति मेडल का नहीं मिला कोई मोल, 1971 की लड़ाई में शामिल हुए सैनिक की स्थिति हुई बद से बदतर

राष्ट्रपति मेडल का नहीं मिला कोई मोल, 1971 की लड़ाई में शामिल हुए सैनिक की स्थिति हुई बद से बदतर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:50 PM IST, Published Date : September 29, 2019/3:04 am IST

रायसेन । जिले के सिलबानी में सदई लाल झोपड़ीनुमा काली प्लास्टिक की पन्नी से ढके घर में जीवन बसर कर रहे हैं। स्थिति यह है कि राष्ट्रपति मेडल प्राप्त इस व्यक्ति को शासन की किसी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। रिटायरमेंट के वाद जीवन यापन के लिए मेहनत मजदूरी करके अपना परिवार का भरण पोषण किया, अब शरीर उतना भी साथ नहीं देता । सिलवानी नगर में वार्ड नंबर 3 में रहने वाले सदई लाल कुम्हार ने अपने नगर सैनिक के कार्यकाल के दौरान कई पुरस्कार पाए। भारत सरकार द्वारा सन 1971 की भारत पाकिस्तान की लड़ाई में वह शामिल हुए थे। जिसके उपरांत उनको राष्ट्रपति मेडल से सम्मानित किया गया था।

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1982 में डिवीजनल कमांडेंट होमगार्ड भोपाल में पदस्थापना के दौरान उनकी सेवा कार्य पूरी होने पर रिटायरमेंट हो गया और वह अपने घर सिलवानी वार्ड नंबर 3 में आ गए। इसके उपरांत उन्होंने यहां पर स्टेट बैंक में भी गार्ड का काम किया और स्टेट बैंक के बाद वह मेहनत मजदूरी करने लगे । विडंबना ये हैं कि सरकारों द्वारा नगर सैनिकों को किसी प्रकार की पेंशन नहीं दी जाती थी, वही वर्तमान सरकार ने भी इस ओर किसी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दिया।

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सदई लाल को किसी भी प्रकार की शासन द्वारा मूलभूत योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिसकी वजह से बीमारी के कारण भी अपनी गरीबी से जूझ रहे शासन के द्वारा बनने वाले कार्ड भी उनको उपलब्ध नहीं हो पाए हैं। वही अभी तक प्रधानमंत्री योजना के तहत बनने वाली कुटीर का भी लाभ उनको नहीं मिल पाया है, सदई लाल एक कच्चे मकान में में काली पन्नी चढ़ाकर अपने परिवार के साथ रह रहे हैं।

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इस संबंध में जब सदई लाल से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि विगत कई महीनों से सिलवानी नगर पंचायत तहसील कलेक्ट्रेट सभी जगह घूम कर कर आवेदन कर थक हार चुके हैं कहीं से भी उनको किसी प्रकार की सहायता नहीं मिली है। वह चाहते हैं कि उनके इस शासकीय सेवा के उपरांत विभिन्न योजनाओं में से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल सके जिससे कि वह अपने जीते जी एक मकान अपने परिवार के लिए छोड़ जाएं।

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