नक्सल प्रभावित 11 हजार 886 पहुंचविहीन गांवों में तीन महीने में ही पहुंची बिजली, सौर ऊर्जा का कमाल | reached power in Naxal-affected 11,886 uninhabited villages with in three months

नक्सल प्रभावित 11 हजार 886 पहुंचविहीन गांवों में तीन महीने में ही पहुंची बिजली, सौर ऊर्जा का कमाल

नक्सल प्रभावित 11 हजार 886 पहुंचविहीन गांवों में तीन महीने में ही पहुंची बिजली, सौर ऊर्जा का कमाल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : May 21, 2019/2:25 pm IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ के दूरस्थ, पहुंचविहीन और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के 11 हजार 886 घरों में बीते साल के अंतिम महीने तक बिजली नहीं पहुंची थी। क्षेत्र में निवासरत् ग्रामीण एवं आदिवासी परिवार अंधेरे में जीवन यापन करने के लिए मजबूर थे। राज्य में नई सरकार ने इन सभी परिवारों को सौर ऊर्जा से बिजली पहुंचाने के लिए क्रेडा को जिम्मेदारी सौंपीं क्रेडा ने पिछले 3 माह में ही लगभग 11886 घरों में सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली पहुंचा दी  है।

बताया जाता है कि इनमें से अधिकांश बिना बिजली वाले घर एलडब्ल्यूई जिलों के हैं, जहां यह कार्य करना बहुत चुनौती भरा था। इन गांवों में परम्परागत विद्युत ग्रिड से बिजली पहुंचाना संभव ही नहीं था। क्रेडा की तत्परता और नई सरकार की पहल से इन अंधेरे घरों में रोशनी आई और गांव वालों का कहना है कि ‘अंजोर आया तो खुशियां आई’।

क्रेडा को प्रदेश सरकार ने वन बाधित और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले बिजली से वंचित परिवारों को सौर संयंत्र के माध्यम से बिजली प्रदान करने के निर्देश दिए। क्रेडा की तत्परता से महज जनवरी से मार्च में ही 11886 घरों में बिजली पहुंचा दी गई। अभी केवल अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का कार्य शेष बचा है, जिसे बहुत शीघ्र पूर्ण करने के प्रयास किए जा रहे है।

लाभान्वित परिवारों को 200 वॉट क्षमता के सौर संयंत्र के साथ 5 नग उच्च क्षमता के एलईडी लाईट्स, 15 वॉट का पंखा, मोबाईल चार्जिंग, प्वाइंट तथा टीवी सॉकेट मुफ्त उपलब्ध कराई जाती है। ग्रामीण बताते हैं कि घर में बिजली आने से बच्चों की पढ़ाई व दिनर्चा बहुत सुगम हो गई है। ग्रामीण अब अपना रोजगार जैसे- टोकनी, झाडू आदि बनाने का कार्य रात्रि में भी कर पा रहे हैं। पहले पंखा नही होने के कारण ग्रामीण भीषण गर्मी झेलने को मजबूर थे, अब इस परेशानी से उन्हे मुक्ति मिल गई है। रात में भयमुक्त वातावरण, जहरीले जीव-जंतुओं से सुरक्षा, शिक्षा में उन्नति, जीवन में सुधार के सपने को अब सौभाग्य योजना पूर्ण कर रही है।

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क्रेडा द्वारा इन सभी सौर संयंत्रों की लगातार मानिटरिंग की जाती है तथा प्रत्येक क्लस्टर में अलग-अलग तकनीशियन इकाईयों द्वारा इन सभी संयंत्रों का रख-रखाव किया जाता है। क्रेडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आलोक कटियार ने बताया कि एलडब्ल्यूई जिलों के वनाच्छादित, दूरस्थ घरों में बिजली पहुंचाना एक चुनौतीभरा कार्य था, जिसे सरकार की प्राथमिकता के तहत अपेक्षित गति से पूरा किया गया।

 
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