सीएम भूपेश बघेल ने की 'गोधन न्याय योजना' के क्रियान्वयन की तैयारियों की समीक्षा, कहा- क्रियान्वयन में कलेक्टरों की भूमिका महत्वपूर्ण | Role of collectors in implementation of Godan Nyaya Yojana: CM Bhupesh Baghel

सीएम भूपेश बघेल ने की ‘गोधन न्याय योजना’ के क्रियान्वयन की तैयारियों की समीक्षा, कहा- क्रियान्वयन में कलेक्टरों की भूमिका महत्वपूर्ण

सीएम भूपेश बघेल ने की 'गोधन न्याय योजना' के क्रियान्वयन की तैयारियों की समीक्षा, कहा- क्रियान्वयन में कलेक्टरों की भूमिका महत्वपूर्ण

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:11 PM IST, Published Date : July 13, 2020/6:19 pm IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन में कलेक्टरों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक में कहा कि जिन गौठानों में अब तक गौठान समितियां नहीं बनी है, वहां गौठान समितियों का गठन तत्काल किया जाए। गौठान समितियों का गठन प्रभारी मंत्रियों के अनुमोदन से किया जाए। उन्होंने कहा कि योजना में गांव के चरवाहों को अनिवार्य रूप से भागीदार बनाया जाए। उन्हें वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री से होने वाले लाभांश का एक हिस्सा मिले।

Read More: मंत्री गुरु रुद्रकुमार का बेतुका बयान, कहा- गौरेला में कोरोना है ही नहीं, पीएम मोदी MP में सरकार नहीं गिराते तो ये स्थिति नहीं होती

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गांवों में गोबर खरीदने का कार्य गौठान समितियों द्वारा किया जाएगा। गौठानों में महिला स्व-सहायता समूह और युवा समूह द्वारा वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य किया जाएगा। इसी प्रकार वर्मी कम्पोस्ट के भंडारण के लिए गौठानों में कमरा निर्माण किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में आने वाले पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने वर्मी कम्पोस्ट के पैकेजिंग बैग पर वर्मी कम्पोस्ट उत्पादित करने वाले गौठान समिति का नाम भी प्रदर्शित करने के निर्देश दिए।

Read More: बड़ा खुलासा: कई नेताओं के बेडरूम तक थी विकास दुबे की एंट्री, कई राज्यों के मंत्री और नौकरशाहों से थे सीधे संपर्क

बघेल ने गौठानों में गौ-सेवकों को जोड़ने तथा वहां पशु चिकित्सकों का भ्रमण सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूहों को वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाए। इस काम में एनजीओ को भी जोड़ा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी गोधन न्याय योजना से क्रियान्वयन के लिए आवश्यक तैयारी करने कहा। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्थापित निजी डेयरियों से भी गोबर की खरीदी की जाए तथा वर्मी कम्पोस्ट निर्माण में शहरी क्षेत्र के महिला समूहों को जोड़ा जाए।

Read More: प्रदेश में बड़ी संख्या में हुए पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले, 54 पुलिस कर्मचारियों को मिला प्रमोशन ..देखिए पूरी सूची

बैठक में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे, मुख्य सचिव आर. पी. मण्डल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास गौरव द्विवेदी, प्रमुख सचिव वन मनोज पिंगुआ, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, सहकारिता विभाग के सचिव प्रसन्ना आर., नगरीय प्रशासन विभाग की सचिव अलरमेलमंगई डी., प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, मुख्यमंत्री के ग्रामीण विकास सलाहकार प्रदीप शर्मा उपस्थित थे।

Read More: शहर में हो सकता है सात दिन का टोटल लॉकडाउन, हालात को देखते हुए ​कलेक्टर ने शासन को भेजा प्रस्ताव

कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता ने पावरप्वाइंट के प्रेजेन्टेशन के माध्यम से योजना के क्रियान्वयन की रूपरेखा की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गोधन न्याय योजना के प्रथम चरण में 2200 गौठानों में गोबर खरीदी और वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य शुरू होगा। कलेक्टर जिले में स्थित सभी गौठानों में गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग करेंगे। इसके साथ ही वे वर्मी खाद बनाने वाले समूहों का गौठान समितियों द्वारा चयन में सहयोग करेंगे। कलेक्टरों को मनरेगा से गौठानों में वर्मी टैंक बनवाने और वर्मी खाद प्रसंस्करण के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने का दायित्व दिया गया है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला स्तर पर गोधन न्याय योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित करने का काम करेंगे।

Read More: सुरजेवाला ने सचिन पायलट को भेजा बैठक में शामिल होने का न्योता, कहा- सोनिया और राहुल गांधी समाधान के लिए तैयार

गौठान समितियों द्वारा पशुपालकों से गोबर की खरीदी की जाएगी। प्रतिदिन इसका लेखा-जोखा रखा जाएगा। स्व-सहायता समूह द्वारा तैयार किए गए वर्मी खाद के गुणवत्ता परीक्षण के बाद इसकी पैकेजिंग और भंडारण गौठानों में किया जाएगा। सहकारी संस्थाओं के माध्यम से किसानों को वर्मी कम्पोस्ट का विपणन किया जाएगा। गौठानों में तैयार वर्मी कम्पोस्ट कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, वन विभाग और शहरी विकास विभाग द्वारा अपनी जरूरत के अनुसार खरीदा जाएगा।

 

 
Flowers