कोरोना हुआ विकराल, 'स्वस्थ्य आग्रह' का समापन, संक्रमण से मिलेगा निदान ? | The end of the 'health solicitation' Will you get diagnosed with infection?

कोरोना हुआ विकराल, ‘स्वस्थ्य आग्रह’ का समापन, संक्रमण से मिलेगा निदान ?

कोरोना हुआ विकराल, 'स्वस्थ्य आग्रह' का समापन, संक्रमण से मिलेगा निदान ?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:58 PM IST, Published Date : April 7, 2021/6:09 pm IST

 भोपाल। मध्यप्रदेश में नाइट कर्फ्यू और संडे लॉकडाउन के बाद भी कोरोना विकराल रूप ले रहा है । पिछले तीन दिन ने रोजाना तीन हजार से ज्यादा मरीज मिल रहे है। बीते 24 घंटे में तो रिकॉर्ड 4 हजार 43 कोरोना मरीज मिले हैं।  बढ़ते संक्रमण को रोकने सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 24 घंटे के स्वास्थ्य आग्रह किया.. इस दौरान CM ने विभिन्न वर्गों के लोगों से चर्चा की और कोरोना नियंत्रण के लिए सुझाव मांगे। जिसके बाद सीएम ने कई बड़े फैसले लिए।  आज भी सीएम हाउस में हाईलेवल मीटिंग कर कई अहम फैसले लिए गए।  बेकाबू होते कोरोना पर सियासत भी जारी है।

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मध्यप्रदेश में कोरोना का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 4,043 पॉजिटिव केस मिले हैं, जबकि कोरोना ने 13 लोगों की जान भी ले ली, हालातों के बिगड़ने का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पॉजिटिविटी रेट 12% पहुंच गई है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के बाद अब बड़वानी, उज्जैन और उमरिया में 100 से अधिक केस मिले हैं। संक्रमण रोकने के लिए सरकार ने 13 जिलों में रविवार के बाद अब शनिवार को भी लॉकडाउन की तैयारी कर ली है। हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 24 घंटे का स्वास्थ्य आग्रह के समापन के बाद कहा कि हम लॉकडाउन के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन कुछ जिलों में ऐसी परिस्थितियां आती हैं, तो लॉकडाउन लगाना ही अंतिम विकल्प होगा लेकिन इसके पहले संक्रमण रोकने की सारी कोशिशें होनी चाहिए.. 24 घंटे के स्वास्थ्य आग्रह के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़े फैसले लिए।
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प्रदेश में कोविड सेंटरों में बिस्तरों की संख्या 24 हजार से बढ़ाकर 36 हजार की जाएगी। प्रदेश में 720 फीवर क्लीनिक संचालित किए जायेंगे, जिनके माध्यम से रोजाना 40 हजार संदिग्ध मरीजों की नि:शुल्क कोरोना जांच होगी। भोपाल में एलएन अस्पताल को कोविड अस्पताल घोषित कर वहां कोविड मरीजों के नि:शुल्क इलाज के लिए रिजर्व किया जाएगा। भोपाल में पीपुल्स हास्पि‍टल में कोविड मरीजों के नि:शुल्क इलाज के लिए 300 बिस्तर आरक्षित कर दिए हैं। आम जनता की सुविधा के लिए सरकार ने निजी अस्पतालों या जांच केन्द्रों पर विभिन्न‍ प्रकार की जांचों की अधिकतम दरें निर्धारित कर दी हैं।

दूसरी ओर प्रदेश के जिन जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का प्रभाव बढ़ रहा है वहां किल कोरोना -2 अभियान की शुरुआत की जाएगी। वहीं मध्यप्रदेश के हर जिले में कम से कम एक कोविड केयर सेंटर शुरु किया जायेगा। दूसरी ओर कांग्रेस मुख्यमंत्री शिवराज के फैसलों को हवा-हवाई बता रही है जो स्वास्थ्य आग्रह के दौरान मुख्यमंत्री ने कोविड की जंग लड़ने के लिए किए हैं।
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मध्यप्रदेश में कोरोना रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है। भोपाल में 618, इंदौर में 866, प्रदेश में 4000 पॉजिटिव केस मिलने के बाद से शनिवार और रविवार के दिन के लॉकडाउन लगाने की तैयारी की जा रही है। भोपाल, इंदौर और जबलपुर समेत 13 शहरों में भी वीकेंड लॉकडाउन लगाया जा सकता है। ऐसे में क्या इन आंकड़ों के बाद ये नहीं मानना चाहिए कि अब मध्यप्रदेश फिर लॉकडाउन की दहलीज पर खड़ा है, या संक्रमण रोकने के लिए सिर्फ और सिर्फ लॉकडाउन ही आखिरी विकल्प है…ज़रा सोचिए,गंभीरता दिखाइए…मास्क पहनिए,सोशल डिस्टेंसिंग रखिए। नेताओं की नहीं तो कम से कम उन फरिश्तों की ये अपील तो मानिए जो सालभर से आपको हमको बचाने के लिए अस्पतालों में दिन रात एक किए हुए हैं।