इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में पानी की समस्यां को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। लेकिन पानी की परेशानी से ज्यादा इस मुद्दे पर राजनीति हो रही है। एक ओर जहां कांग्रेस लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही तो वहीं, महापौर ने राज्य सरकार पर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं। पानी की किल्लत को लेकर रविवार को महापौर ने निगम अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में निर्देश दिए गए हैं, कि जो भी टैंकर से पानी बेचते हुए मिलता है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
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बता दे कि शहर में कई टैंकर संचालक हैं, कि जो कि नगर निगम के टैंकर पर रंगा हुआ पिला रंग निजी टैंकर पर करवा कर टैंकर बेचने का व्यवसाय कर रहे हैं। इसके अलावा महापौर ने ये भी आरोप लगाया है, कि कांग्रेस पार्षदों को पर्याप्त संख्या में टैंकर दिए गए हैं। उसके बावजूद भी निगम पर आरोप लगाए जा रहे हैं, जबकि कई कांग्रेस पार्षदों के लिए तो नगरीय प्रशासन विभाग से फोन पर दबाव भी बनाया गया है।, और निगम के अधिकारियों पर लगातार मंत्रालय से दबाव बनाया जा रहा है, कि कांग्रेस पार्षदों के वार्ड में ज्यादा से ज्यादा पानी के टैंकर भेजे जाएं।
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लिहाजा अब राज्य में कांग्रेस की सरकार है, कि तो अधिकारी भी दबाव में काम कर रहे हैं। हालांकि,अधिकारी महापौर के आरोप से इस्तेफाक नहीं रखते हैं। अधिकारियों का कहना है, कि अलग अलग जगह से पानी की डिमांड को लेकर फोन आता है, लेकिन पहले अधिनस्थ अधिकारी मौका मुआयना करते हैं और जहां पानी की जरुरत जहां होती है, वहीं, टैंकर भेजे जाते है।दबाव जैसी कोई बात नहीं है।लेकिन पानी की थोड़ी बहुत कमी है, जिसकी पूर्ती की जा रही है।