375 साल बाद धरती पर मिला आठवां महाद्वीप 'जीलैंड‍िया', भारत से है गहरा नाता, जानिए... | zealandia satellite helps locate lost continent dutch sailor abel tasman had written about it

375 साल बाद धरती पर मिला आठवां महाद्वीप ‘जीलैंड‍िया’, भारत से है गहरा नाता, जानिए…

375 साल बाद धरती पर मिला आठवां महाद्वीप 'जीलैंड‍िया', भारत से है गहरा नाता, जानिए...

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:51 PM IST, Published Date : March 12, 2021/4:39 pm IST

नई दिल्ली: हमारी धरती में कुल सात महाद्वीप हैें, ये बात आपने अब तक भूगोल और भूविज्ञान की किताबों में पढ़ा होगा। लेकिन एक और महाद्वीप यानि 8वें महाद्वीप की खोज कर ली गई है। दरअसल सैटलाइट तस्‍वीरों से पता चला है कि धरती पर सात नहीं बल्कि आठ महाद्वीप हैं। बता दें कि नीदरलैंड के खोजकर्ता अबेल तस्‍मान ने साल 1642 में यह दावा किया था कि दक्षिणी गोलार्द्ध में एक विशाल महाद्वीप मौजूद है और वे इसे खोजने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हालांकि उन्हें इस बात का अहसास नहीं था कि आठवे महाद्वीप का 94 प्रतिशत हिस्सा जलमग्न है। वहीं, सेटेलाइट इमेज में 8वें महाद्वीप होने की पुष्टि होने के बाद यह माना जा रहा है कि अबेल तस्‍मान सही थे। यह भी कहा जा रहा है इस महाद्वीप का भारत से गहरा नाता है।

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साल 1995 में अमेरिकी भूगर्भ विज्ञानी ब्रूस लुयेन्‍डक ने भी न्‍यूजीलैंड के आस-पास के इलाके में एक और महाद्वीप होने की बात कही थी और इसे ‘जीलैंडिया’ नाम दिया था। ब्रूस लुयेन्‍डक के इस दावे के बाद भूगर्भ सर्वे विभाग ने आठवें महाद्वीप की खोज के लिए एक सर्व करवाया, जिसमें धरती की आंतरिक सतह की तस्वीरों को शामिल किया गया था। इनमें सैटलाइट कैमरे की मदद से महाद्वीपीय परत और समुद्री परत को अलग-अलग किया गया और टैक्‍टोनिक प्‍लेटों की पहचान की गई। इस तकनीक में सैटलाइट डेटा का इस्‍तेमाल किया गया। वहीं, जब वैज्ञानिकों ने आंकड़ों का मिलान किया तो हैरान करने वाली बात सामने आई। यहां ‘जीलैंडिया’ ऑस्‍ट्रेलिया महाद्वीप की तरह होने की बात सामने आई, जो गोंडवाना महाद्वीप की कुल 5 प्रतिशत जमीन पर बसा था।

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सर्वे के बाद अमेरिकी महाद्वीप ने अपने रिपोर्ट में कहा कि जीलैंडिया का क्षेत्रफल भारत के ही समान विस्तृत था, जो गोंडवाना महाद्वीप का हिस्‍सा था। उस समय भारत, ऑस्‍ट्रेलिया, अंटारकर्टिका, अफ्रीका और साउथ अमेरिका गोंडवाना महाद्वीप का हिस्‍सा थे। उन्‍होंने कहा कि जीलैंडिया सबसे युवा, सबसे पतला और ज्‍यादातर पानी के नीचे डूबा हुआ है। हालांकि अभी महाद्वीप की परिभाषा को लेकर अलग-अलग वैज्ञानिकों की अलग-अलग राय है, लेकिन आम राय के अनुसार तीन मानकों के आधार पर परिभाषित किया जाता है। 1-महाद्वीप समुद्र तल से ऊपर उठे हुए हों, 2-सिलिकामय, रूपांतरित, अवसादी तीन तरह की चट्टानें मौजूद हों, 3-समुद्री परत की तुलना में स्‍थलीय परत मोटी हो, 4-एक काल्‍पनिक क्षेत्र हो जो विशाल फलक में फैला हो और उसका रूप समुद्र से अलग हो।

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अमेरिकी भूगर्भ सर्वे ने अपनी खोज के महत्‍व को इन शब्‍दों में कहा है, ‘जीलैंडिया के नाम को वर्गीकृत करना लिस्‍ट में एक अतिरिक्‍त नाम जोड़ने से कहीं ज्‍यादा है। यह उपमहाद्वीप अखंडित रूप से काफी डूबा हुआ हो सकता है लेकिन भूगतिव‍िज्ञान को समझने की चाह रखने वाले लोगों के लिए यह काफी महत्‍वपूर्ण हो सकता है जो महाद्वीप परतों के संबंध और उनके टूटने को जानना चाहते हैं।

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