Schemes for Women: केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं के जीवन को सुविधाजनक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। लेकिन कई महिलाओं को इन योजनाओं के बारे में जानकारी नहीं होती । जिसकी वजह से वह इनका लाभ नहीं उठा पाती। आज हम आपको बताएंगे कि केंद्र सरकार की ओर से महिलाओं के लिए कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही हैं और महिलाएं कैसे उन योजनाओं का लाभ उठा सकती हैं।
हमारा मानना है कि देश की सभी महिलाओं को उनके लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए। सुकन्या समृद्धि योजना से लेकर महिला समृद्धि योजना तक, कई योजनाएं महिलाओं की प्रगति तय करने, आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। इस लेख में आज हम आज ऐसी ही कई योजनाओं के बारे में बताएंगे जो केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं के लिए ही चलाई जा रही हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना (sukanya samriddhi yojana) की शुरुआत केंद्र सरकार ने 22 जनवरी 2015 से की थी। यह स्कीम 10 साल से कम उम्र की लड़कियों/बच्चियों की उच्च शिक्षा और शादी के लिए है। यानी लड़कियों के सुरक्षित भविष्य के लिए यह एक तरह की बचत योजना है। किसी भी बैंक और पोस्ट ऑफिस में जाकर आप अपनी 10 साल से कम उम्र की बेटी के लिए अकांउट खुलवा सकते हैं। स्कीम पूरी हो जाने के बाद सारा पैसा उसे मिलेगा, जिसके नाम पर आपने इस अकांउट को खुलवाया होगा। सरकार की यह बहुत ही प्रचलित योजना है, देश में ज्यादातर लोग इस योजना का लाभ ले रहे हैं।
केंद्र सरकार ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ (beti bachao beti padhao yojana) योजना की शुरुआत 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत में की थी। इस योजना का उद्देश्य बालिका लिंग अनुपात में गिरावट को रोकना है एवं महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। यह योजना भारत के अलग अलग क्षेत्रों में चलाई जा रही है। यह योजना तीन मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित की जा रही है। महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन मंत्रालय। यह योजना उन महिलाओं की मदद करती है जो घरेलू हिंसा या किसी भी प्रकार की हिंसा का शिकार होती हैं। अगर कोई महिला ऐसी किसी भी प्रकार की हिंसा का शिकार होती है, तो उसे पुलिस, कानूनी, चिकित्सा जैसी सेवाएं दी जाती है। पीड़ित महिला टोल फ्री नंबर 181 पर call करके मदद ले सकती हैं।
इस योजना के तहत 100 फीसदी तक अस्पतालों या प्रशिक्षित नर्सों की देख रेख में महिलाओं के प्रसव को किया जाता है। ताकि प्रसव के दौरान मां और उसके बच्चे के स्वास्थ्य की उचित देखभाल की जा सके। सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना की शुरुआत 10 अक्टूबर 2019 को गई थी। इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की जीवन सुरक्षा के लिए निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं सरकार द्वारा प्रदान की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य माता और नवजात शिशुओं की मृत्यु दर को रोकना है।
केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (pradhan ujjwala yojana) महिलाओं के लिए 1 मई 2016 में शुरू की गई थी। इस योजना का मकसद चूल्हों में लकड़ी जला कर और कोयला जलाकर खाना बनाने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना था। इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार गरीब परिवार की महिलाओं को रसोई गैस उपलब्ध कराती है, ताकि ग्रामीण और शहरी दोनों इलाके में रहने वाले बीपीएल परिवार के लोगों को इसका फायदा मिल सके। इतना ही नहीं पूरे साल महिलाएं एलपीजी गैस का ही उपयोग करें इसके लिए सरकार द्वारा इन्हें सब्सिडी पर गैस सिलेंडर दिए जाते हैं। गैस स्टोव खरीदने के लिए सरकार EMI की सुविधा भी देती है।
महिला कोइर योजना (Womens Choir Scheme) में कौशल विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसमें नारियल उद्योग से जुड़ी महिलाओं के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जाते हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से काइर स्पिनिंग में दो महीने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इनमें महिलाओं को मासिक भत्ता भी दिया जाता है। यदि कोई महिला नारियल की प्रोसेसिंग यूनिट लगाना चाहती हैं तो इसके लिए भी सरकार द्वारा उन्हें 75 फीसदी तक लोन भी आसानी से मिल जाता है। इस योजना के तहत प्रशिक्षित कारीगरों को काइर यूनिट स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार निर्माण योजना के अंतर्गत सहायता लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। उद्यमियों के रूप में महिलाओं की बढ़ती उपस्थिति के चलते देश में महत्वपूर्ण व्यवसाय और आर्थिक विकास हुआ है।
देश की ऐसी महिलाएं जो सिलाई-कढ़ाई में रुचि रखती हैं, उनके लिए केंद्र सरकार की ओर से फ्री सिलाई मशीन योजना चलाई जा रही है। इस योजना का लाभ देश के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं उठा सकती हैं। भारत सरकार की तरफ से हर राज्य में 50,000 से अधिक महिलाओं को निशुल्क सिलाई मशीन प्रदान की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत केवल 20 से 40 वर्ष की आयु की महिलाएं ही आवेदन करने की पात्र हैं।
इस स्टैंडअप इंडिया योजना (stand up india yojana) की शुरुआत 5 अप्रैल 2016 को की गई थी। इस योजना का मकसद जमीनी स्तर पर उद्यमशीलता को बढ़ावा देकर आर्थिक सशक्तीकरण और रोजगार सृजन करना है। योजना का वर्ष 2025 तक विस्तार किया गया है। अपना कारोबार शुरू करने और विनिर्माण, सेवा और व्यापार क्षेत्र और कृषि से जुड़े उद्यम लगाने में अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला उद्यमियों के समक्ष आने वाली चुनौतियों के समाधान के लिए यह योजना शुरू की गई थी।
केंद्र सरकार ने 22 नवंबर, 2017 को महिला शक्ति केंद्र योजना (mahila shakti kendra yojana) के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी थी। इससे सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के साथ-साथ जिले में महिलाओं के जीवन पर प्रभाव डालने वाले सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाती है। महिला शक्ति केंद्र योजना का मकसद, महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए जागरूक करना, प्रशिक्षित करना और उन्हें जरूरी स्किल सिखाना है। यह योजना स्थानीय प्रशासन, राज्य सरकार और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मिलकर चलाती है।
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