Jungle stay: सावधान! अगर आप भी बना रहे है जंगल जाने का मन

Jungle stay: सावधान! अगर आप भी बना रहे है जंगल जाने का मन, तो अब नहीं उठा पाएंगे इस चीज का लुत्फ

Jungle stay: सावधान! अगर आप भी बना रहे है जंगल जाने का मन, तो अब कोर क्षेत्र के विश्रामगृह या काटेज में नहीं रुकने नहीं दिया जाएगा

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:19 PM IST, Published Date : October 16, 2022/5:23 pm IST

Jungle stay: भोपाल। टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्क और अभयारण्यों की सैर करने वाले पर्यटकों को अब कोर क्षेत्र के विश्रामगृह या काटेज में नहीं रुकने नहीं दिया जाएगा। वन्यप्राणियों को होने वाले तनाव को कम करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एनटीसीए के निर्देश पर वन विभाग इस व्यवस्था को धीरे-धीरे खत्म कर रहा है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के मढ़ई और चूरना क्षेत्र से इसकी शुरुआत कर दी गई है। दोनों क्षेत्रों में क्रमश: छह और चार कमरों को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है।

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जानवरों में बढ़ रहा तनाव

Jungle stay: इन कमरों में अब सामान रखा जाएगा या फिर कर्मचारियों का प्रशिक्षण होगा। प्रदेश के अन्य संरक्षित क्षेत्रों में भी यही व्यवस्था लागू की जाएगी। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने पार्कों के कोर क्षेत्र में बढ़ते पर्यटकों के दबाव के चलते दो साल पहले यह निर्णय लिया और देशभर के संरक्षित क्षेत्रों को कोर क्षेत्र में पर्यटन पर नियंत्रण करने के निर्देश दिए थे। एनटीसीए ने कहा था कि कोर क्षेत्र में स्थित विश्रामगृह-काटेज में पर्यटकों को ठहराने से शोर होने के साथ लोगों की आवाजाही बनी रहती है। जिससे बाघ, तेंदुआ सहित अन्य वन्यप्राणियों को तनाव होता है।

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सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में हुए बंद

Jungle stay: दरअसल, वन्यप्राणियों का मुख्य रहवास स्थल कोर क्षेत्र ही है। इसी क्षेत्र में वे वंशवृद्धि भी करते हैं। एनटीसीए के अधिकारियों का मानना है कि ऐसे में वाहनों और लोगों की आवाजाही, विश्रामगृह में उनकी मेहमान नवाजी के कारण वन्यप्राणियों की दिनचर्या पर असर पड़ता है। इसलिए कोर क्षेत्र में सीमित पर्यटन के साथ पर्यटकों को रोके जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। मध्य प्रदेश में वर्तमान में 6 टाइगर रिजर्व, 10 राष्ट्रीय उद्यान और 24 अभयारण्य हैं। इन सभी में कोर क्षेत्र में पर्यटकों के ठहराने के इंतजाम हैं। इसलिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से शुरू हुआ कोर क्षेत्र में स्थित कक्षों को बंद करने का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।

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