Missile attacks on Pakistan: नईदिल्ली। ईरान के सरकारी मीडिया ने मंगलवार को बताया कि ईरानी मिसाइलों ने बलोच मिलिटेंट समूह “जैश अल अद्ल” के दो ठिकानों को निशाना बनाया था। दोनों ठिकाने पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रांत में स्थित हैं।
ईरानी मीडिया एजेंसी नूरन्यूज ने हमलों की ज्यादा जानकारी ना देते हुए बस इतना बताया कि इन ठिकानों पर मिसाइलों और ड्रोनों से हमला किया गया और इन्हें नष्ट कर दिया गया। ईरान की सरकार का अभी तक कोई बयान नहीं आया है, लेकिन पाकिस्तान ने इन हमलों की पुष्टि की है।
हमलों की निंदा करते हुए पाकिस्तान ने इन्हें “पूरी तरह से अस्वीकार्य” बताया और कहा कि इसके “गंभीर परिणाम” हो सकते हैं। पाकिस्तान ने यह भी बताया कि हमलों में दो बच्चे भी मारे गए है। पाकिस्तान के आधिकारिक बयान में यह नहीं बताया गया कि हमला कहां पर हुआ, लेकिन पाकिस्तानी सोशल मीडिया में कुछ लोगों ने लिखा कि हमला बलोचिस्तान में हुआ। इस प्रांत में दोनों देशों के बीच करीब 1,000 किलोमीटर लंबी सीमा है और आबादी बहुत कम है।
हमलों के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने “उसके हवाई क्षेत्र के अकारण उल्लंघन” का विरोध करने के लिए इस्लामाबाद में ईरान के राजदूत को समन किया है। इन हमलों से एक दिन पहले ईरान के एलीट रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने इराक और सीरिया में भी मिसाइल हमले किए थे। मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि 2012 में बनाए गए “जैश अल अद्ल” समूह ने बीते कुछ सालों में पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाकों में ईरानी सुरक्षाबलों पर हमले किए थे।
ईरान ने समूह को “आतंकी समूह” के रूप में ब्लैकलिस्ट किया हुआ है। समूह ने दिसंबर में ईरान के रस्क शहर में एक पुलिस स्टेशन पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें कम से कम 11 ईरानी पुलिस अधिकारी मारे गए थे। ईरान और पाकिस्तान अक्सर एक दूसरे पर मिलिटेंटों को पनाह देने का आरोप लगाते हैं, लेकिन दोनों तरफ से आधिकारिक स्तर पर कम ही मौकों पर कार्रवाई हुई है।
इधर ईरानी और पाकिस्तानी सैन्य बलों ने होर्मुज जलडमरूमध्य और फारस की खाड़ी के उत्तरी सिरे पर एक दिवसीय संयुक्त नौसैनिक प्रशिक्षण अभ्यास का आयोजन किया है।
Iranian and Pakistani military forces have staged a day-long joint naval training exercise in the Strait of Hormuz and the northern tip of the Persian Gulf. pic.twitter.com/epBYUHXiPw
— Press TV (@PressTV) January 17, 2024
ऐसे में सवाल उठ रहे हैं एक तरफ तो संयुक्त अभ्यास किया जा रहा है तो दूसरी तरफ हमले भी किए जा रहे हैंं।
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