अमेरिका में निर्वाचित पदों पर भारतीय अमेरिकियों की संख्या उनकी बढ़ती आबादी को नहीं दर्शाती है: हैरिस |

अमेरिका में निर्वाचित पदों पर भारतीय अमेरिकियों की संख्या उनकी बढ़ती आबादी को नहीं दर्शाती है: हैरिस

अमेरिका में निर्वाचित पदों पर भारतीय अमेरिकियों की संख्या उनकी बढ़ती आबादी को नहीं दर्शाती है: हैरिस

:   Modified Date:  May 16, 2024 / 12:59 PM IST, Published Date : May 16, 2024/12:59 pm IST

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 16 मई (भाषा) अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने बुधवार को कहा कि निर्वाचित पदों पर भारतीय मूल के अमेरिकियों की संख्या उनकी बढ़ती आबादी को नहीं दर्शाती है। इसी के साथ उन्होंने ज्यादा से ज्यादा भारतीय अमेरिकियों को राजनीति में सक्रिय होने की अपील की।

कमला हैरिस ने डेमोक्रेटिक पार्टी के थिंक टैंक ‘इंडियन अमेरिकन इंपैक्ट’ के वार्षिक सम्मेलन ‘डेसिस डिसाइड’ में यह बात कही थी। यह संगठन देश भर में निर्वाचित पदों के लिए चुनाव में उतरने वाले भारतीय अमेरिकियों को समर्थन और धन मुहैया कराता है।

अमेरिका में भारतीय और अफ्रीकी मूल की पहली महिला उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने राष्ट्रीय राजधानी में भारतीय मूल के अमेरिकियों से खचाखच भरे कक्ष में उन्हें संबोधित करते हुए कहा, ”पिछले कुछ सालों के दौरान बड़ी संख्या में भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक निर्वाचित पदों के वास्ते चुनाव प्रक्रिया में शामिल हुए , लेकिन फिर भी यह संख्या उनकी बढ़ती जनसंख्या के सही अनुपात को नहीं दर्शाती है।”

वर्तमान में अमेरिकी संसंद में भारतीय मूल के पांच निर्वाचित सदस्य हैं, जिसमें डॉ. अमी बेरा, राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना, प्रमिला जयपाल और श्री थानेदार शामिल हैं। ‘अमेरिकन इंपैक्ट’ का मानना था कि 2024 में अमेरिकी संसद में भारतीय मूल के अमेरिकियों की संख्या बढ़कर 10 हो जाएगी।

राष्ट्रपति पद के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा के संबंध में ‘इंडियन अमेरिकन इंपैक्ट’ का कहना कि अमेरिका में भारतीय मूल का समुदाय, जो दूसरा सबसे बड़ा अप्रवासी समुदाय है और देश के कई राज्यों में इसकी जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, चुनाव परिणाम को भी प्रभावित कर सकता है।

कमला हैरिस ने ‘इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट’ के काम की सराहना करते हुए कहा कि उसने न केवल समुदाय के सदस्यों को चुनने में बल्कि जॉर्जिया जैसे प्रांतों में सीनेटर के चुनाव में भी अहम भूमिका निभाई है।

हैरिस ने कहा, ”आपको पता होना चाहिए कि आप अकेले नहीं हैं। एक देश के रूप में हमें अभी भी बहुत कुछ करना है, जिसके कारण हम यहां एक साथ हैं।”

भाषा

प्रीति मनीषा राजकुमार

राजकुमार

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)