पाकिस्तान में ‘‘सत्ता परिवर्तन के षड्यंत्र’’ की जांच: प्रधान न्यायाधीश को राष्ट्रपति ने लिखा पत्र |

पाकिस्तान में ‘‘सत्ता परिवर्तन के षड्यंत्र’’ की जांच: प्रधान न्यायाधीश को राष्ट्रपति ने लिखा पत्र

पाकिस्तान में ‘‘सत्ता परिवर्तन के षड्यंत्र’’ की जांच: प्रधान न्यायाधीश को राष्ट्रपति ने लिखा पत्र

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:50 PM IST, Published Date : May 13, 2022/12:08 pm IST

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, 13 मई (भाषा) पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल को पत्र लिखकर उनसे पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अपदस्थ करने के वास्ते ‘‘सत्ता परिवर्तन’’ के कथित ‘‘षड्यंत्र’’ की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग गठित करने का अनुरोध किया है।

खान को 10 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के बाद अपदस्थ कर दिया गया था। खान ने आरोप लगाया है कि यूक्रेन के मामले पर स्वतंत्र विदेश नीति अपनाने के फैसले के बाद अमेरिका ने उनकी सरकार गिराने का षड्यंत्र रचा। अमेरिका ने इन आरोपों का लगातार खंडन किया है।

खान मांग कर रहे हैं कि इस मामले की उच्चतम न्यायालय से जांच कराई जाए और उन्होंने जांच आयोग गठित करने को लेकर प्रधान न्यायाधीश बंदियाल को दो सप्ताह पूर्व एक पत्र भी लिखा था।

राष्ट्रपति अल्वी ने बृहस्पतिवार को लिखे पत्र में प्रधान न्यायाधीश से ‘‘सत्ता परिवर्तन के षड्यंत्र’’ की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग गठित करने की अपील की। उन्होंने सलाह दी कि इस आयोग का नेतृत्व बंदियाल ही करें। उन्होंने कहा कि आयोग को ‘‘सत्ता परिवर्तन के षड्यंत्र के आरोपों की समग्र जांच’’ की खुली सुनवाई करनी चाहिए, ताकि ‘‘देश को राजनीतिक एवं आर्थिक संकट से बचाया जा सके।’’

राष्ट्रपति ने आयोग की महत्ता पर जोर देते हुए सचेत किया कि पाकिस्तान पर गंभीर राजनीतिक संकट मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लोगों और राजनीति में ध्रुवीकरण हो रहा है।

उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘यह खेदजनक है कि संदर्भ के बाहर जाकर बिना सोचे-समझे टिप्पणियां की जा रही हैं, गलतफहमियों को हवा मिल रही है, अवसर कम हो रहे हैं, संशय की स्थिति सुधर नहीं रही और अर्थव्यवस्था संकट में है तथा जमीनी हालात एक ऐसी राजनीतिक विस्फोटक स्थिति में बदल रहे हैं, जिसमें कभी भी विस्फोट हो सकता है।’’

अल्वी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा, अखंडता, संप्रभुता और जनहित मामलों में न्यायिक आयोग गठित करने के लिए अतीत में भी इस प्रकार के कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित न्यायिक आयोग को ‘‘सत्ता परिवर्तन षड्यंत्र’’ को लेकर गहन और समग्र जांच करनी चाहिए।

भाषा सिम्मी मनीषा

मनीषा

 

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