नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) सरकार सितंबर-दिसंबर की अवधि में मोबाइल प्रौद्योगिकी का उपयोग करके 21वीं पशुधन गणना करेगी। इसका उद्देश्य देश भर में विभिन्न पशु प्रजातियों के बारे में विस्तृत आंकड़ा जुटाना है।
सरकार ने बुधवार को आधिकारिक बयान में कहा कि पशुधन गणना में सभी गांवों और शहरी वार्डों को शामिल किया जाएगा। इसमें मवेशियों, भैंसों, याक, भेड़, बकरी, सुअर, घोड़े, टट्टू, खच्चर, गधे, ऊंट, कुत्ते, खरगोश और हाथी सहित पशुओं की विभिन्न प्रजातियों की गणना की जाएगी।
इसके साथ ही घरों, घरेलू उद्यमों और गैर-घरेलू उद्यमों द्वारा रखे गए मुर्गी, बत्तख और अन्य पालतू पक्षियों की भी गणना की जाएगी।
सरकार ने कहा कि पशुओं की गणना उनके स्थान पर ही की जाएगी, जिसमें उनकी नस्ल, आयु और लिंग का विवरण दर्ज किया जाएगा।
इस पशुधन गणना के लिए प्रायोगिक सर्वेक्षण पर एक कार्यशाला और प्रशिक्षण सत्र का आयोजन अरुणाचल प्रदेश के जिरो में किया गया। इसमें आईसीएआर-राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएजीआर) ने विभिन्न प्रजातियों के लिए नवीनतम राज्यवार नस्ल सूची पेश की और क्षेत्र में नस्लों की पहचान करने की तकनीकों पर प्रकाश डाला।
सरकार ने कहा कि गणना से प्राप्त आंकड़ों का उपयोग पशुधन क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के साथ सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के राष्ट्रीय संकेतक ढांचे (एनआईएफ) के लिए भी किया जाएगा।
भाषा अनुराग प्रेम
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