नयी दिल्ली, 21 जून (भाषा) देश में कृत्रिम मेधा (एआई) से लैस पहले स्वचालित शिक्षण मंच ‘अरिविहान’ का लक्ष्य भारत में किसी भी वित्तीय स्थिति वाले छात्र को उच्च-गुणवत्ता वाली शिक्षा तक पहुंच को सुलभ बनाना है। यह बात मंच के संस्थापक रितेश सिंह ने कही।
इस एआई-संचालित शिक्षण मंच का मुख्यालय इंदौर में है और इसका परिचालन वर्ष 2021 में शुरू हुआ था।
सिंह ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, “अरिविहान की स्थापना भारत में शिक्षण से जुड़ी असमानताएं दूर करने के लिए की गई थी। हमारा शोध बताता है कि 27.1 करोड़ स्कूली छात्रों और केवल 1.12 करोड़ शिक्षकों के साथ पारंपरिक शैक्षणिक दृष्टिकोण को लंबे समय से मांग एवं आपूर्ति की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।”
उन्होंने कहा कि अरिविहान शिक्षा के क्षेत्र में स्थायी बदलाव लाने के लिए स्कूलों, शिक्षण संस्थानों और सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग करना चाहता है।
सिंह ने कहा कि अरिविहान मंच के शुरुआती नतीजे काफी अच्छे आए हैं। इस मंच से जुड़े पांच अभ्यर्थियों ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) 2024 की मुख्य परीक्षा में 99 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। एआई शिक्षण मंच ने अन्य महत्वपूर्ण सफलताएं भी हासिल की हैं।
उन्होंने कहा, “हाल ही में मध्य प्रदेश बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षाओं में हमारे दो विद्यार्थियों ने विज्ञान में 98.6 प्रतिशत और गणित खंड में 97.4 प्रतिशत अंक प्राप्त किए, जबकि बड़ी संख्या में हमारे छात्रों ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए।”
भाषा अनुराग प्रेम रमण
रमण
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
होंडा कार्स ने खराब फ्यूल पंप ठीक करने को 2,204…
53 mins ago