नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) रिलायंस समूह की उपग्रह संचार इकाई जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस ने उपग्रह-आधारित ब्रॉडबैंड सेवाओं का परीक्षण शुरू करने के लिए दूरसंचार विभाग से स्पेक्ट्रम की मांग की है। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस को आईएन-स्पेस से उपग्रह सेवा संचालन की मंजूरी मिल चुकी है। दूरसंचार विभाग इसे पहले ही उपग्रह संचार सेवा लाइसेंस जीएमपीसीएस और इंटरनेट सेवा प्रदाता लाइसेंस दे चुका है।
घटनाक्रम से परिचित एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस ने स्पेक्ट्रम के परीक्षण के लिए पिछले महीने आवेदन किया था। उपग्रह संचार के लिए स्पेक्ट्रम को सरकार की तरफ से अंतिम रूप दिए जाने के बाद इसे वाणिज्यिक रूप से शुरू कर दिया जाएगा।’’
रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह की कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स ने उपग्रह संचार सेवाओं के लिए लक्जमबर्ग स्थित एसईएस के साथ एक संयुक्त उद्यम स्थापित किया है।
भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (आईएन-स्पेस) ने अप्रैल में जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस को भारतीय अंतरिक्ष में उपग्रह सेवाएं संचालित करने के लिए अधिकृत किया था।
जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस के अलावा भारती समूह समर्थित यूटेलसैट वनवेब को भी उपग्रह संचार से जुड़ी सभी मंजूरी मिल चुकी है। इसे मार्च में परीक्षण स्पेक्ट्रम जारी किया गया था।
दूरसंचार अधिनियम, 2023 में उपग्रह कंपनियों को पॉइंट-टू-पॉइंट संचार के लिए स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक आवंटन का प्रावधान किया गया है लेकिन रेडियो तरंगों के आवंटन के नियमों और विवरणों को सरकार ने अभी अंतिम रूप नहीं दिया है।
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