मुंबई, 16 नंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मंगलवार को कहा कि महामारी की मार झेल चुकी अर्थव्यवस्था के तमाम वृहत संकेतक आर्थिक पुनरुद्धार के मजबूत होने का इशारा कर रहे हैं।
हालांकि, दास ने आर्थिक वृद्धि के टिकाऊ होने के लिए निजी पूंजी निवेश में वृद्धि को जरूरी बताया।
उन्होंने कहा कि महामारी के बाद के दौर में भारतीय अर्थव्यवस्था समुचित तेज रफ्तार से बढ़ने का सामर्थ्य रखती है, लेकिन उसके लिए निजी पूंजी का निवेश बढ़ना जरूरी है।
कई अर्थशास्त्रियों ने चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 8.5-10 प्रतिशत के बीच कर दिया है, लेकिन रिजर्व बैंक 9.5 प्रतिशत की वृद्धि दर के अपने अनुमान पर टिका हुआ है।
दास ने बैंकिंग क्षेत्र के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि निवेश का माहौल सुधरने पर बैंकों को भी निवेश के लिए तैयार रहना होगा। केंद्रीय बैंक ने अगले वित्त वर्ष से निवेश चक्र में तेजी आने की उम्मीद जताई है।
वर्ष-2013 से ही अर्थव्यवस्था में निजी पूंजी की आवक कम रही है। कई जानकारों का मानना है कि अगले वित्त वर्ष के मध्य से निजी निवेश में फिर से तेजी आ सकती है।
दास ने बैंकों के बही खातों के बेहतर होने का जिक्र करते हुए कहा कि बैंकों का सकल फंसा कर्ज जुलाई-सितंबर की तिमाही में पहली तिमाही की तुलना में कम हुआ है। उन्होंने बैंकों से अपनी पूंजी प्रबंधन प्रक्रिया को बेहतर करने को भी कहा।
गवर्नर ने प्रौद्योगिकी क्षेत्र के उद्यमियों की सराहना करते हुए कहा कि स्टार्टअप परिदृश्य में भारत का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है और अरबों डॉलर की विदेशी पूंजी आई है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यूबीएल, एबी-इनबेव, काल्सबर्ग ने बनाया बियर संघ
6 hours agoरुपया 22 पैसे की गिरावट के साथ 83.40 प्रति डॉलर…
7 hours ago