रायपुर। भाई-बहन के प्यार और दुलार का प्रतीक राखी का त्योहार आज पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। हर वर्ष हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि पर रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाता है। वहीं सालों बाद रक्षा बंधन पर महासंयोग बन रहा है। ज्योतिषियों की माने तो इसके कई मायने है।
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सुख-समृद्धि की करती है कामना
राखी पर बहनें अपने भाई की कलाई पर प्यार का धागा बांधती हैं जिसे रक्षाबंधन कहा जाता हैं। राखी के दिन बहनें शुभ मुहूर्त में अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर और आरती करते हुए उनकी कलाई पर राखी बांधती हैं। बहन राखी बांधकर भाई के जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करती हैं और भाई से सदैव किसी भी परेशानी में रक्षा करने का वचन लेती हैं।
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474 साल बाद बन रहा महासंयोग
इस बार भद्रारहित में राखी का पर्व मनाया जा रहा। अच्छे मुहूर्त और भद्रारहित काल में भाई की कलाई में राखी बांधने से भाई को कार्य सिद्धि और विजय प्राप्त होती है। ज्योतिषियों की भी मानें तो पर इस बार 474 साल बाद महासंयोग बन रहा है। ऐसे में इस बार रक्षाबंधन भद्रा मुक्त रहेगा। इसलिए आज बहने किसी भी समय अपने भाई को राखी बांध सकती हैं।
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5 hours ago