रिपोर्ट- नवीन कुमार सिंह, भोपाल: Old Pension Scheme राजस्थान-झारखंड की तरह मध्यप्रदेश में भी पुरानी पेंशन योजना लागू करने शिवराज सरकार पर दबाव बढ़ गया है। कर्मचारी संगठन बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं, तो इस मुद्दे पर सियासी पारा भी चढ़ने लगा है। कांग्रेस जहां कर्मचारियों के साथ खड़ी है और 7 मार्च से शुरू हो रही विधानसभा सत्र में इसके लिए संकल्प पारित करने का फैसला किया है। दूसरी और बीजेपी सरकार प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती, लिहाजा फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है। अब सवाल है कि क्या मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन स्कीम बहाल होगी? क्यों उठ रही है मांग और इसका प्रदेश राजनीति पर क्या असर पड़ेगा?
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Old Pension Scheme राजस्थान में कांग्रेस की सरकार के पुरानी पेंशन दोबारा शुरु करने के फैसले के बाद मध्यप्रदेश की सियासत गरमा गई है। प्रदेश के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग जोर-शोर से उठाई जा रही है। कांग्रेस इसे भुनाने में लग गई। कर्मचारियों के साथ खड़ी कांग्रेस 7 मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में पुरानी पेंशन लागू कराने के लिए संकल्प पारित करेगी। इस तरह कांग्रेस बड़े वोट बैंक को साधने में लगी है न सिर्फ कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा, गोविंद सिंह बल्कि नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने भी मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन स्कीम शुरू करने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान से मांग की है। कांग्रेस अब पुरानी पेंशन के मुद्दे को हवा देने रही है तो कर्मचारियों ने भी सरकार के खिलाफ 13 मार्च को बड़े आंदोलन की तैयारी कर ली है।
7 मार्च से मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र शुरु होने जा रहा है। 50 से ज्यादा कांग्रेस विधायकों ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर विधानसभा में प्रश्न भी लगाया है। फिलहाल प्रदेश में दो लाख 87 हजार शिक्षक और 48 हजार स्थायीकर्मी पुरानी पेंशन बहाली को लेकर संघर्षरत हैं। नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद सिर्फ हर महीने 800 से डेढ़ हजार रुपए ही पेंशन मिल रही है। जानकार मानते हैं कि शिवराज सरकार पुरानी पेंशन योजना लागू करती है, तो 12 साल तक आर्थिक बोझ नहीं आएगा। प्रदेश के 3.35 लाख कर्मचारियों के अंशदायी पेंशन के तहत हर माह 14% की हिस्सेदारी से करीब 344 करोड़ रुपए की फिलहाल बचत होगी। लेकिन इसमें राजनीतिक पेंच भी है। नई पेंशन स्कीम अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने लागू की थी। यही धर्म संकट पुरानी स्कीम को बहाल करने में शिवराज सरकार के सामने है।
पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर सदन में जोरदार बहस होनी तय है। बहरहाल कांग्रेस की कोशिश है कि चौतरफा दबाव के बाद सरकार कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन देने के लिए मजबूर हो जाएगी। .अब जब आगामी विधानसभा चुनाव में डेढ़ साल से भी कम समय बचा है। प्रदेश के सबसे बड़े वोट बैंक के लिए बीजेपी और दोनों ही इस मामले में लीड लेने की कोशिश करेंगे।
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