DRDO प्रमुख ने पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम को समझाया लॉजिक, जिसे दुनिया देख रही हो उसे गोपनीय नहीं रखा जा सकता | DRDO chief explained to Chidambaram Logic The world that is watching can not be kept confidential

DRDO प्रमुख ने पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम को समझाया लॉजिक, जिसे दुनिया देख रही हो उसे गोपनीय नहीं रखा जा सकता

DRDO प्रमुख ने पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम को समझाया लॉजिक, जिसे दुनिया देख रही हो उसे गोपनीय नहीं रखा जा सकता

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : April 6, 2019/12:12 pm IST

नई दिल्‍ली। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के मिशन शक्ति पर उठाए सवाल पर DRDO प्रमुख जी. सतीश रेड्डी ने जवाब दिया है। चिदंबरम के बयान पर रिएक्शन देते हुए रेड्डी ने कहा कि मिशन शक्ति की प्रकृति ऐसी है कि इसे किसी भी तरह से गोपनीय नहीं रखा जा सकता है। क्‍योंकि उपग्रह को दुनिया भर के कई स्टेशनों द्वारा ट्रैक किया जाता है। उन्‍होंने यह भी कहा कि इस मिशन के लिए सभी आवश्यक स्वीकृतियां ली गई थीं।

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DRDO प्रमुख से मिशन की टाइमिंग को लेकर भी सवाल किए गए,वहीं इसको लेकर अपनाई गर् प्रोजीजर के बारे में भी पूछा गया । रेड्डी ने सभी सवालों का जवाब देते हुए बताया कि टेस्ट के बाद इस तरह के मिशन को तकनीकी रूप से गुप्त नहीं रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस मिशन के लिए सभी जरूरी मंजूरियां ली गई थीं। उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन ने भी इस तरह के परीक्षणों को करने के बाद दुनिया को इसकी जानकारी दी थी।

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DRDO प्रमुख जी सतीश रेड्डी ने कहा कि भारत ने मिशन शक्ति के लिए बहुत ही निम्न कक्षा चुनी जिससे वैश्विक अंतरिक्ष संपत्तियों को मलबे से खतरा न हो। रेड्डी ने कहा कि एंटी-सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट से अंतरिक्ष में जो मलबा तैयार हुआ है, वह तकरीबन डेढ़ महीने के अंदर पूरी तरह खत्म हो जाएगा।

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बता दें कि मिशन शक्ति को लेकर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि अंतरिक्ष में उपग्रह को मार गिराने की क्षमता हमारे पास कई सालों से रही है। लेकिन उस समय की सूझबूझ वाली सरकार ने देश की इस क्षमता को गोपनीय रखा था। उन्होंने कहा था कि नासमझ सरकार ही देश की रक्षा क्षमता का खुलासा करती है।

<blockquote class=”twitter-tweet” data-lang=”en”><p lang=”en” dir=”ltr”>DRDO Chief Satheesh Reddy on <a href=”https://twitter.com/hashtag/MissionShakti?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw”>#MissionShakti</a>: Debris will decay in few weeks. Debris won&#39;t cause problem to any existing space assets. We have some amount of mechanism to look at these objects. In fact, our radars have picked up the debris immediately after the test also. <a href=”https://t.co/8Wpdw8Lmtu”>pic.twitter.com/8Wpdw8Lmtu</a></p>&mdash; ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1114502402231549952?ref_src=twsrc%5Etfw”>April 6, 2019</a></blockquote>
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