कोरिया जिले की बड़ी उपलब्धि, मनरेगा के तहत सर्वाधिक परिवारों को 100 दिवस रोजगार देने में पूरे प्रदेश में अव्वल | Korea district ranks first in entire state in providing 100 days of employment to maximum families under MNREGA

कोरिया जिले की बड़ी उपलब्धि, मनरेगा के तहत सर्वाधिक परिवारों को 100 दिवस रोजगार देने में पूरे प्रदेश में अव्वल

कोरिया जिले की बड़ी उपलब्धि, मनरेगा के तहत सर्वाधिक परिवारों को 100 दिवस रोजगार देने में पूरे प्रदेश में अव्वल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:12 PM IST, Published Date : October 5, 2020/5:21 pm IST

कोरिया: कलेक्टर एसएन राठौर के मार्गदर्शन में कोरिया जिले ने एक और उपलब्धि हासिल की है। राज्य द्वारा जारी एम आई एस रिपोर्ट्स के अनुसार बीते माह सितम्बर 2020 में महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत श्रमिक परिवारों को 100 दिवस का रोजगार देने में कोरिया जिले ने पूरे प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के टॉप 5 जिलों में कोरिया जिला प्रथम स्थान पर है तथा इसके बाद रायपुर, रायगढ़, सूरजपुर एवं गौरेला पेंड्रा-मरवाही जिला शामिल हैं। कोरिया जिले में अलग अलग गांवों में रहने वाले पंजीकृत मनरेगा श्रमिकों के 978 परिवारों ने सितम्बर माह में ही 100 दिन से ज्यादा का रोजगार प्राप्त कर लिया। जिले में बीते माह के दौरान 100 दिन का रोजगार प्राप्त कर लेने के बाद 100 दिन अकुशल श्रम की गारंटी पाने वाले कुल परिवारों की संख्या अब 3166 हो चुकी है।

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कलेक्टर राठौर ने इस उपलब्धि पर सीईओ जिला पंचायत तूलिका प्रजापति एवं पूरी मनरेगा की टीम को उनकी अथक मेहनत के लिए बधाई प्रेषित की है। कलेक्टर राठौर ने कहा कि कोरिया जिले का प्रथम स्थान पर आना बेहद खुशी की बात है। जिले के श्रमिक परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराने के निरंतर प्रयासों का ही यह परिणाम है। प्रशासन का यही प्रयास रहेगा कि ज्यादा से ज्यादा परिवार को उचित रोजगार उपलब्ध होता रहे।

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जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी तूलिका प्रजापति ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य द्वारा 100 दिवस के सुनिश्चित रोजगार प्राप्त परिवार की संख्या का वार्षिक लक्ष्य निश्चित किया गया है। माह सितंबर में राज्य के अन्य जिलों की तुलना में कोरिया जिले ने सर्वाधिक मनरेगा परिवारों को इस श्रेणी में लाने की सफलता अर्जित की है। यह आंकड़ा गत माह अगस्त के अंत मे 2188 था जो कि सितम्बर अंत तक 3166 हो गया है। यानी 978 परिवार इसी माह 100 दिन से ज्यादा का सुनिश्चित रोजगार प्राप्त कर चुके हैं।

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मनरेगा योजना से लॉकडाउन में नहीं हुआ रोजगार का कोई संकट
मनरेगा योजना के तहत इस तरह लाभान्वित होने वाले परिवारों में से ग्राम रटगा में रहने वाले आदिवासी समुदाय के गणेश और उनकी पत्नी फुलमत ने 150 दिवस मनरेगा के तहत काम करके 28 हजार 500 रुपए की मजदूरी हासिल की है। उनके अन्य साथी जवाहर सिंह और उनकी पत्नी उर्मिला ने 132 दिन का रोजगार मनरेगा के तहत प्राप्त किया। इससे उन्हें 25,080 रुपए प्राप्त हुए। ग्राम सैदा में रहने वाले अभिनंदन कहते हैं कि इस बार कोरोना के कारण कहीं काम पर नहीं जा सके लेकिन मनरेगा योजना में हमे गांव में ही मन मुताबिक काम मिलता रहा। इससे लाकडाउन के दौरान भी रोजगार का कोई संकट नही हुआ। पत्नी हेमलता और पुत्र मनीष के साथ मिलकर यह परिवार अब तक 133 दिन का अकुशल श्रम कर चुका है और इसके बदले इन्हें 25 हजार से ज्यादा की रकम सीधे खाते में मिल चुकी है। जिले में ऐसे 3166 से ज्यादा परिवार संकट के इस दौर में भी मनरेगा योजना के तहत अपने गांव में ही सुनिश्चित रोजगार की गारंटी पा चुके हैं।

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