भोपाल: कोरोना की दूसरी लहर ने मध्यप्रदेश में हाल-बेहाल कर रखा है। प्रदेश के मुखिया तक अब कह रहे हैं कि कोरोना को लेकर स्थिति विकट है, लेकिन इस घोर संकटकाल में भी सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी को खुद अपने ही विभाग से जुड़े सबसे गंभीर सवालों का कोई ठोस जवाब नहीं पता। अस्पतालों में बिस्तर नहीं है, ऑक्सीजन और दवाओं की कमी सुर्खियां बन रही है और इन्ही मुद्दों पर सवाल पूछने पर कोई ठोस फिगर मंत्रीजी के पास नहीं है। इस बेफिक्री से सवाल उठा कि मंत्री जी को इन हालात में भी स्वास्थ्य इंतजामों से ज्यादा क्या दमोह उपचुनाव की फिक्र है, जिसके लिए वो बीते दिनों दमोह दौर में व्यस्त रहे। सवाल उठा आधी-अधूरी जानकारी वाले स्वास्थ्य मंत्रीजी के भरोसे है प्रदेश के करोड़ों लोगों की जिंदगी।
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सवाल – ऑक्सीजन की आवश्यकता है और ये कितनी उपलब्ध है
मंत्री – ऑक्सीजन की कही कोई नहीं आने दी जा रही है,पूरे तरीके से जहां-जहं स्टेटों से हमारे पास ऑक्सीजन आती है उनसे बात की है, क्सीजन की न तो पहले कमी थी न आज कमी है।
सवाल– निजी अस्पतालों के डॉक्टर विनती कर रहे हैं
मंत्री – ऑक्सीजन सभी में है हमारे सरकारी, निजी अस्पतालों में उपलब्ध है
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मंत्री जी साफ-साफ ना तो ये बता पाए कि प्रदेश को कितनी ऑक्सीजन चाहिए और कितनी उपलब्ध है। ना ये जानकारी दे पाए कि कितनी रेमडेसिविर चाहिए और कितनी आपूर्ति है। और तो और मंत्री जी ने ऑक्सीजन बेड और वेंटिलेटर को लेकर भी कोई जानकारी नहीं दी। दरअसल, भारी कोरोना संक्रमण के दौर में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री पिछले कई दिनों से दमोह में चुनावी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
एक तरफ स्वास्थ्य मंत्रीजी को अपने ही विभाग से जुड़े आंकड़ों की सटीक जानकारी ना दिखी तो दूसरी ओर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने स्वीकार किया कि प्रदेश में हालात विकट हैं। मुख्यमंत्री लगातार अफसरों के साथ समीक्षा में जुटे हैं, उन्होंने बताया कि फिलहाल 280 मेट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध है। इसे 300 मेट्रिक टन प्रतिदिन करने की योजना पर भी काम जारी है। इसके लिए हिमाचल-महाराष्ट्र के वेंडर्स से बातचीत जारी है। इसके अलावा देश के रेलमंत्री से ऑक्सीजन टैंकर को मालगाड़ी के जरिए भेजने पर भी बात हुई है। उज्जैन, शिवपुरी,खंडवा और सिवनी में चार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर यूनिट शुरु हो चुकी हैं। जबकि मंदसौर,रतलाम,मुरैना,जबलपुर में जल्द ही ये मशीन काम शुरु कर देंगी। 180 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन भी मिल भी चुकी है, जो वातावरण से सीधे ऑक्सीजन खींचती है। ऐसी और 2 हजार मशीनें अगले दो दिन में मिल जाएंगी। राज्य सरकार को 31 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन मिल चुके हैं, जबकि कल तक 12 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन और मिल जाएंगे। इधऱ,कांग्रेस ने सरकार को हर मोर्चे पर फेल बताया तो भाजपा का कहना है कि ये वक्त है राजनीति से ऊपर उठकर काम करने का।
ये घोर संकट का काल है। मुख्यमंत्री खुद इसे विकट समस्या वाला समय बता चुके हैं। ऐसे वक्त में पक्ष-विपक्ष को पूरी ताकत से लोगों के हित के साथ आना चाहिए लेकिन जब लोग परेशान हों तो खामियों पर सवाल तो उठेंगे ही। इस घोर संकट काल में स्वास्थ्य व्यस्था से जुड़े सवालों पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री का ये रवैया और बेफिक्री अपने आप में कई सवाल उठा रहा है।
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