राजकीय सम्मान के साथ दी गई रीवा के बेटे अखिलेश को विदाई, अंतिम यात्रा में परिजन ही नहीं पूरे गांव की आंखें हुई नम | Whole Village pay tribute to Sahid Jawan akhilesh

राजकीय सम्मान के साथ दी गई रीवा के बेटे अखिलेश को विदाई, अंतिम यात्रा में परिजन ही नहीं पूरे गांव की आंखें हुई नम

राजकीय सम्मान के साथ दी गई रीवा के बेटे अखिलेश को विदाई, अंतिम यात्रा में परिजन ही नहीं पूरे गांव की आंखें हुई नम

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:26 PM IST, Published Date : November 10, 2019/8:44 am IST

रीवा: कश्मीर के कुपवाड़ा में बुधवार और गुरुवार हुई बर्फबारी के बाद एलओसी के पास हुए भूस्खलन में गुरूवार को दबकर शहीद हुए रीवा जिले के लालगांव के गोदरी निवासी अखिलेश पटेल का पार्थिव शरीर रविवार की सुबह पहुंचा गाँव जगह जगह लोगों ने दी श्रृद्धांजलि। पूरे राजकीय सम्मान के साथ रविवार को अखिलेश का किया गया। अंतिम संस्कार शहीद को मुखाग्नि उनके बड़े भाई अरविन्द पटेल ने दी। इस दौरान आसपास के हजारों ग्रामीणों ने शहीद को अश्रपुरित श्रृद्धांजलि दी।

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शहीद अखिलेश पटेल पांच साल पहले 14 अप्रेल 2014 को भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। अखिलेश के एक बड़ा भाई और दो बहनें हैं। बड़े भाई अरविंद पटेल भी आर्मी में हैदराबाद में पदस्थ हैं। अखिलेश होनहार आर्मी जवान थे। जैसे ही गोदरी गांव में अखिलेश पटेल के शहीद होने की खबर पहुंची थी, पूरे गांव में मातम पसर गया था। पूरा गांव शहीद के पार्थिव शरीर के आने का इन्तजार था, लेकिन कश्मीर में हुई बर्फ़बारी के चलते पार्थिव शरीर विशेष विमान से रविवार को इलाहबाद लाया गया। यहां से सड़क मार्ग से विशाल गाड़ियों के काफिलों के साथ शहीद का पार्थिव शरीर गृहग्राम लाया गया।

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शहीद अखिलेश के पिता रमेश पटेल के चार संतानों में अखिलेश को बहुत लाड-प्यार था। परिवार के अधिकांश लोग सेना से जुड़े हुए हैं, उनके बाबा सेना से रिटायर हुए हैं। चाचा भी सेना में थे। बड़े भाई अरविंद पटेल सेना के जवान हैं। घर वालों से प्रेरणा लेकर उन्होंने भी भारतीय सेना में जाने का फैसला किया था। शहीद फौजी परिवार में सबसे छोटे थे, उनकी अभी तक शादी नहीं हुई थी। परिजन अगले वर्ष उनकी शादी की तैयारी कर रहे थे और उनके लिए लड़की ढूंढ़ रहे थे। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।

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रविवार की सुबह जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा, परिजनों सहित पूरा गांव उन्हें देखने उमड़ पड़े। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ शहीद अखिलेश का अंतिम संस्कार किया गया। रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा सहित, प्रशासनिक अधिकारी एवं हजारों की संख्या में आसपास के ग्रामीणों की मौजूदगी में मुखाग्नि दी गई शहीद के बड़े भाई अरविन्द पटेल ने मुखाग्नि दी तो वंहा मौजूद हजारों लोगों की आंखे नम हो गई।

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परिवार वाले उससे लिपट कर रोने लगे घर पहुंचने के पहले जगह जगह लोगों ने अपने लाल को श्रृद्धांजलि दी। इसके बाद पूरे राजकीय सम्मान के साथ शहीद अखिलेश का अंतिम संस्कार किया गया। रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा सहित, प्रशासनिक अधिकारी एवं हजारों की संख्या में आसपास के ग्रामीणों की मौजूदगी में मुखाग्नि दी गई शहीद के बड़े भाई अरविन्द पटेल ने मुखाग्नि दी।

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