1.60 lakh people burnt alive together : एक साथ जिंदा जलाए गए 1.60 लाख लोग..

एक साथ जिंदा जलाए गए 1.60 लाख लोग, वजह जानकर कांप उठेगी आपकी रूह, रिपोर्ट्स में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

1.60 lakh people burnt alive together : दुनिया में कई तरह की अजीबो-गरीब जगहें हैं जिनके बारे में कई तरह की अफवाहें उड़ती हैं।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:48 PM IST, Published Date : October 29, 2022/11:55 am IST

नई दिल्ली। 1.60 lakh people burnt alive together : दुनिया में कई तरह की अजीबो-गरीब जगहें हैं जिनके बारे में कई तरह की अफवाहें उड़ती हैं। देश-दुनिया में कई ऐसी जगहें हैं जिन्हें लेकर उनके भूतिया होने का दावा किया जाता है। ऐसी जहां जान एक नाम से भी लोगों की रूह कांप उठती है। ऐसी एक जगह इस दुनिया में मौजूद है जिसे देखने की इच्छा तो सबमे होती है लेकिन कोई यहां नहीं जा सकता।

वैसे तो दुनिया में अनेकों खूबसूरत आईलैंड हैं, जहां साल के 12 महीने पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। लेकिन आज हम एक ऐसे आईलैंड की बात कर करेंगे जहां आप चाहकर भी नहीं जा सकते। ऐसा इसलिए क्योंकि इस देश की सरकार खुद ये मानती है कि यह आईलैंड बेहद खतरनाक है और यहां असाधारण गतिविधियों की अनुभूति होती है। यह आईलैंड इटली में है और इसका नाम पोवेग्लिया आईलैंड (Poveglia Island) है। इस आईलैंड पर आने-जाने पर इटली की सरकार ने बैन लगा रखा है।

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दरअसल, पोवेग्लिया आईलैंड को आईलैंड ऑफ डेथ (Island Of Death) के नाम से भी जाना जाता है। यह आईलैंड इटली के वेनिस और लीडो शहर के बीच में वेनेटियन खाड़ी में मौजूद है, जिसे एक छोटी सी नहर दो भागों में विभाजित करती है। किसी जमाने में यह खूबसूरत आईलैंड लोगों के घूमने फिरने के लिए पसंदीदा टूरिस्ट स्पॉट था।

बीमारी ने मचाई थी तबाही

कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार इस आइलैंड में पहले अच्छी-खासी आबादी में लोग रहते थे, लेकिन अचानक सबकुछ तबाह हो गया। लेकिन क्यों? पोवेग्लिया आईलैंड के राज से पर्दा उठाने के लिए जो कोई भी यहां गया, उनमें से अधिकतर कभी वापस नहीं लौट पाए। दरअसल, कहा जाता है कि 16वीं शताब्दी में इटली में प्लेग नामक बीमारी बड़ी तेजी से फैल रही थी, जिसके कारण इटली में कई-कई लोग इस बीमारी की चपेट में आकर या तो मर रहे थे, या फिर मरने की कगार तक पहुंच चुके थे। पूरे यूरोप में इस बीमारी का असर सबसे ज्यादा इटली शहर में ही हुआ था।

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इस आइलैंड को बनाया था क्वारंटीन स्टेशन

1.60 lakh people burnt alive together : बताया जाता है कि ये बीमारी एक से दूसरे व्यक्ति में बड़ी तेजी से फैल रही थी, इसलिए इटली की सरकार ने प्लेग से पीड़ित सभी मरीजों को पोवेग्लिया आईलैंड में शिफ्ट करने का फैसला लिया। क्योंकि ये आईसोलेटेड आईलैंड था, इसलिए इस जगह को प्लेग क्वारंटीन स्टेशन के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा। इतना ही नहीं, जिन लोगों की इस बीमारी से मौत हो जाती थी उन्हें इसी आईलैंड में दफना दिया जाता था।

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वापस घर जाने का नहीं मिला मौका

देखते ही देखते इस आइलैंड का हर जगह बीमार लोगों से भर गया और एक समय ऐसा भी आया कि लाखों की संख्या में मरीज यहां रहने लगे। क्वारंटीन स्टेशन होने के चलते बीमार लोगों को यहां ज्यादा से ज्यादा 40 दिन तक ही रखा जाता था। लेकिन हालात इतने खराब थे कि जिसे भी एक बार इस आईलैंड में लाया जाता उसे यहां से वापस घर जाने का मौका नहीं मिल पाया।

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1 लाख 60 हजार लोगों को जिंदा जलाया गया

एक रिपोर्ट के हवाले से बताया गया कि कुछ इतिहासकारों का कहना है कि इस आईलैंड पर एक साथ लगभग 1 लाख 60 हजार लोगों को जिंदा जला दिया गया था ताकि यहां बढ़ रही बीमार लोगों की भीड़ को कम किया जा सके। प्लेग के विनाशकारी तांडव के कुछ समय बाद काला बुखार नामक बीमारी ने एक बार फिर इस देश में दस्तक दी और फिर एक बार इटली को लाइलाज बीमारी से जूझना पड़ा। प्लेग की तरह ही इटली में काला बुखार का भी कोई इलाज नहीं था। अनेक लोगों की इस बीमारी से जान जाने लगी, जिसके चलते बीमारी से मरने वाले लोगों की डेड बॉडी को पोवेग्लिया आईलैंड में लाकर बस यूं ही छोड़ दिया जाता था। इसके कारण यह जगह धरती पर नरक जैसी बन गई थी।

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