‘छत्तीसगढ़ मॉडल’…उदयपुर में डंका! इन्हीं योजनाओं को आगे रखकर आगामी चुनाव लड़ेगी कांग्रेस?
इन्हीं योजनाओं को आगे रखकर आगामी चुनाव लड़ेगी कांग्रेस? Congress Will fight upcoming elections on basis of Nyay scheme?
रायपुर: Congress Nyay scheme राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस के 3 दिवसीय चिंतन शिवर में एक बार फिर छत्तीसगढ़ मॉडल की जमकर प्रशंसा हुई। प्रदेश सरकार की फ्लैगशिप योजनाओँ को पार्टी देशभर में ले जाने की तैयारी में है। पंजाब के वरिष्ठ नेता और चिंतन शिविर के लिए बनाई गई कृषि कमेटी के सदस्य प्रताप बाजवा ने कहा कि किसानों के लिए बनाई गई राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना और राजीव गांधी भूमिहीन किसान श्रमिक न्याय योजना पर कमेटी में चर्चा हुई है। इस पर आगे पार्टी कोई बड़ा और अहम निर्णय ले सकती है। वैसे छत्तीसगढ़ मॉडल की तारीफ पहली बार नहीं हो रही है, इससे पहले भी प्रदेश की कई योजनाओं को देशभर में सराहा गया और कामयाब मॉडल के तौर पर प्रचारित किया गया है। हालांकि विपक्ष बार-बार छत्तीसगढ़ मॉडल और उसकी कामयाबी के दावों को खारिज करता आया है, तो क्या छत्तीसगढ़ मॉडल को कांग्रेस प्रचार के लिए कामयाब मॉडल के तौर पर इस्तेमाल करने पर मुहर लगाने जा रही है? क्या इसे आगे रखकर आगामी चुनाव लड़े जाएंगे?
Congress Nyay scheme कांग्रेस चिंतिन शिविर के लिए बनी कृषि कमेटी के सदस्य प्रताप बाजवा ने छत्तीसगढ़ की न्याय योजनाओं को बेहतर बताते हुए इस पर आगामी दिनों में पार्टी द्वारा निर्णय लेने की बात कही। आखिर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं को राजीव गांधी किसान न्याय, गोधन और भूमिहीन न्याय योजना क्यों पसंद आ रही है? दरअसल इन तीनों योजनाओं से किसान, ग्रामीण और गरीब वर्ग को राहत मिल रही है, सीधे उनके बैंक अकाउंट में पैसा जा रहा है। 2019 में कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में देश की जनता को प्रति वर्ष 72 हजार रुपए न्याय योजना के जरिए देने का वादा किया था, लेकिन करारी हार हुई। इसके बाद छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार इसी न्याय की स्कीम को आगे रखकर प्रदेश के लाखों किसानों, गौपालक, मजदूर औऱ ग्रामीणों को अब तक इन योजनाओं से 20 हजार करोड़ रुपए की राशि दे चुके है, जिसके कारण देश के कई बड़े राज्यों से छत्तीसगढ़ कई मामलों में आगे है। इसका खूब प्रचार प्रसार कांग्रेस के नेता राहुल गांधी भी अपने कई चुनावी सभाओं में करते हुए दिखाई देते हैं।
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वहीं दूसरी ओर 15 साल की सत्ता के बाद विपक्ष में बैठी भाजपा कांग्रेस सरकार की इन्ही न्याय योजनाओं में खामियां ढूंढकर लोगों के बीच पहुंच रहे हैं। भाजपा को अच्छे से मालूम है हो गया कि वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव और 2023 में छत्तीसगढ़ समेत तीन राज्यों के चुनाव में किसान एक बड़ा मुद्दा रहेगा। इसलिए हाल ही मे उत्तरप्रदेश में हुए चुनाव में भाजपा ने किसानों और गौपालकों से गोबर खरीदी करने का वादा किया था, जिसका छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं ने स्वागत किया था। लेकिन छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की गोबर खरीदी पर खामियां ढूंढ रहे है। इस पर आए दिन कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप प्रत्यारोप सुनाई देता है।
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पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस की सभी न्याय योजनाएं केवल हवा हवाई है। उनका कहना है कि न्याय योजना का परिणाम यूपी और असम में देखने को मिला है। अच्छा है राष्ट्रीय कांग्रेस इन योजनाओं को एडाप्ट करें, जिससे भाजपा का ग्राफ बढ़ता जाए। वहीं केबिनेट मंत्री मो अकबर का कहना है कि छत्तीसगढ़़ सरकार की सभी योजनाओं चर्चा के लायक है, जिससे आम आदमी को राहत मिल रही है। हमें इन योजनाओं के कारण राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल रहा है।
राष्ट्रीय कांग्रेस छत्तीसगढ़ सरकार की इन न्याय योजनाओं को स्वीकार करें या न करें लेकिन एक बात तो स्पष्ट हो गया है कि इन योजनाओं की बदौलत आज सभी पार्टियों के मुख्य बिंदुओं पर किसान स्थापित हो गया है। अब देखना होगा कि कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतिन शिविर में न्याय योजनाओं की चर्चा के बाद कांग्रेसी जमीनी स्तर पर क्या काम करते है? जिससे उन्हें आगामी कई राज्यों के चुनाव और 2024 लोकसभा चुनाव में फायदा मिल सके।

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