Russia-Ukraine War : भारत से बाहर क्यों डॉक्टरी की पढ़ाई करने यूक्रेन जाते हैं इंडियन, ये हैं 5 सबसे बड़ी वजह.. जानिए

Russia-Ukraine War : भारत से बाहर क्यों डॉक्टरी की पढ़ाई करने यूक्रेन जाते हैं इंडियन, ये हैं 5 सबसे बड़ी वजह.. जानिए

Russia-Ukraine War : भारत से बाहर क्यों डॉक्टरी की पढ़ाई करने यूक्रेन जाते हैं इंडियन, ये हैं 5 सबसे बड़ी वजह.. जानिए

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : February 26, 2022/7:49 pm IST

Russia-Ukraine War नई दिल्ली। यूक्रेन-रूस वार के बीच भारत की सबसे बड़ी चिंता यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षित ‘घर वापसी’ है। भारत ने वहां फंसे अपने करीब 16,000 नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश वापस लाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।

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इसमें करीब 14,000 भारतीय छात्र हैं, जिसमें बड़ी संख्या भारत से यूक्रेन डॉक्टरी की पढ़ाई करने जाने वाले छात्रों की है। आखिर इतने सारे लोग इंडिया से यूक्रेन क्यों जाते हैं डॉक्टर बनने। भारत से हर साल बड़ी संख्या में छात्र डॉक्टरी की पढ़ाई करने यूक्रेन जाते हैं, इसके पीछे ये 5 बड़े कारण हैं।

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सस्ती डॉक्टरी की पढ़ाई बड़ी वजह

यूक्रेन में डॉक्टरी की पढ़ाई भारत से कई गुना सस्ती हैं। इंडिया में अगर सरकारी कॉलेजों को छोड़ दिया जाए तो एक प्राइवेट कॉलेज से MBBS की डिग्री लेने में एक स्टूडेंट का खर्च लगभग 1 करोड़ रुपये तक बैठता है। जबकि यूक्रेन में 6 साल की डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए ये खर्च करीब 22 से 25 लाख रुपये ही पढ़ता है।

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यूक्रेन से मिली डॉक्टरी की डिग्री की वैल्यू पूरी दुनिया में होती है। वहीं यहां पर स्टूडेंट्स को ग्लोबल एक्सपोजर भी मिलता है। Study in Ukraine वेबसाइट के मुताबिक यूक्रेन की मेडिकल डिग्री को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), यूरोपीय काउंसिल और अन्य वैश्विक संस्थाओं में मान्यता मिलती है।

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यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई पॉपुलर होने की एक और बड़ी वजह भारत में MBBS की सीटों के लिए होने वाली कड़ी प्रतिस्पर्धा है। देश में MBBS की करीब 88,000 सीटें हैं और इसमें भी सरकारी सीटों की संख्या लगभग आधी है, जबकि इन सीटों पर एडमिशन के लिए 2021 में लगभग 16 लाख छात्रों ने NEET की परीक्षा दी। वहीं हर साल यूक्रेन में भारत से लगभग 18,000 छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं और वहां का एडमिशन प्रोसेस भी काफी आसान है।

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यूक्रेन से की गई मेडिकल डिग्री को नेशनल मेडिकल कमीशन मान्यता देता है। ऐसे में मिडिल क्लास से संबंध रखने वाले छात्र यूक्रेन से सस्ते में मेडिकल डिग्री करके इंडिया लौट आते हैं। यहां आने के बाद उन्हें कुछ पेपर देकर डॉक्टरी की इंटर्नशिप और प्रैक्टिस का लाइसेंस मिल जाता है। साथ ही विदेशी डिग्री होने की वजह से नौकरी में भी बेहतर अवसर मिलते हैं।