सक्सेस स्टोरी : मिस मध्यप्रदेश 'रोमा रॉय' ने कैसे घर की चारदीवारी में कैद न रहकर खुद के अरमानों को पंख लगाया...देखिए | Success Story: How did Miss Madhya Pradesh 'Roma Roy' put wings to her aspirations

सक्सेस स्टोरी : मिस मध्यप्रदेश ‘रोमा रॉय’ ने कैसे घर की चारदीवारी में कैद न रहकर खुद के अरमानों को पंख लगाया…देखिए

सक्सेस स्टोरी : मिस मध्यप्रदेश 'रोमा रॉय' ने कैसे घर की चारदीवारी में कैद न रहकर खुद के अरमानों को पंख लगाया...देखिए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : September 24, 2019/6:21 am IST

नरसिंहपुर। कहते हैं प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है और वह अपना रास्ता खुद ही ढूंढ लेती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है छोटे से शहर गाडरवारा की रोमा रघुवंशी राय ने। जो शादीशुदा होते हुए भी केवल घर की चारदीवारी में कैद न रहकर खुद के अरमानों को पंख लगाए। रोमा ने हाल ही में मिसेज मप्र खिताब विजेता रही और साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर मिसेज यूटीफुल हेयर स्टाइलिस्ट विमेन का खिताब जीता। महिला सशक्तिकरण के लिए हुए कॉन्टेस्ट के पूर्व रोमा अक्टूबर 2018 में टाटा एस गोल्ड घर लाओ गोल्ड स्पर्धा में भी विजेता बन चुकीं हैं। और अब वह मिस इंडिया खिताब की तैयारी भी कर रही हैं।

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मध्यप्रदेश के देवास में पली बढ़ी रोमा की चार साल पहले एन टी पी सी में कार्यरत प्रसनजीत से शादी हुई और आज वे नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा एन टी पी सी प्लांट की कालोनी में पति के साथ रह रही हैं । शुरु से ही कुछ अलग करने की सोच रखने वाली रोमा जब गाडरवारा आईं तो पति के नौकरी पर जाने के दौरान घर में अकेले रहने को उन्होंने दुनिया से जोड़ने का जरिया बनाया। चार दिवारी के अंदर भी रहकर एक रचनात्मक सोच ने उन्हें किचिन से मुम्बई और फिर मिसेज मध्यप्रदेश के खिताब तक पहुंचा दिया ।

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रोमा खुद का यूट्यूब चैनल भी चलाती हैं जिसमे वे फूड और क्राफ्ट को लेकर नए नए वीडियो भी शेयर करती रहती हैं । हमेशा देश और दुनिया से जुड़े रहने का जुनून उन्हें कुछ नया करने के लिए प्रेरित करता रहा । बी.एससी तक पढाई करने वाली रोमा ने शादी के पहले कुछ दिन नौकरी भी की पर शादी के बाद से एक कुशल गृहिणी बनकर रह गईं। पर बहुत कुछ करने का जुनून कभी कम नही हुआ । इसी जुनून ने उन्हें मिसेज इंडिया बनने के इस आयोजन तक पहुंचा दिया।

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रोमा भोपाल में चयनित होकर तीन महिलाओं के साथ मुम्बई में मिसेज इंडिया के मंच तक पहुंची। जहां उन्होंने देश के 20 प्रदेशों से आईं महिलाओं के बीच रेम्प पर कैटवॉक से लेकर चार दिनों तक बहुत कुछ सीखा। रोमा की सबसे बड़ी खूबी ये रही कि उन्होंने हर पल कुछ सीखना चाहा, बस यही खूबी ने उन्हें और प्रतियोगियों के बीच भी अपनापन दे दिया। और अंततः पिछले 15 सितम्बर को हुए फाइनल राउंड के बाद मिसेज इंडिया का खिताब उन्हे भले ही न मिला हो लेकिन रोमा को मिसेज मध्यप्रदेश का कीर्तिमान जरूर मिल गया ।

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रोमा हेयर कॉम्पटीशन में देश में अव्वल रहीं। एक परिवार के बीच एक महिला का इतना सब कुछ हासिल करना कोई आसान काम नही, पर रोमा की इस रुचि में परिवार के सभी लोगों ने पूरी शिद्दत से रोमा का साथ दिया। रोमा उन सभी महिलाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं जो घर की चारदीवारी में रहकर अपने आप को कमतर आंकती हैं । वे अब अगले सीजन में मिसेज इंडिया के लिए भी तैयारी में जुट गईं हैं।

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इसके पहले रोमा को एक कम्पनी ने मोबाइल रेस्टारेंट का आइडिया देने के चलते एक छोटा हाथी वाहन देकर भी सम्मानित किया था, जिसकी चाबी सिने स्टार अक्षय कुमार ने रोमा को गिफ्ट की थी । रोमा के पति भी रोमा के हर काम में पूरा सहयोग करते आये हैं और उनके इसी सहयोग ने रोमा को बड़ा करने में जज्बा दिया है । प्रसनजीत रॉय कहते हैं कि प्रतिभा किसी चीज की मोहताज नहीं होती बस आपमें कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो हर कठिन काम भी आसान हो जाते हैं। एक छोटे से शहर से रोमा का यहां तक पहुंच जाना इस बात का एक बढ़िया उदाहरण है ।

 
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